देश में जिस प्रकार से सोशल मीडिया का वर्चस्व बड़ा है जिस तरीके से सोशल मीडिया देश के गांव गांव में पहुंचा है। वह कई मायनों में एक अच्छा संकेत भी है,लेकिन कई बार यह बड़े हादसों का कारण भी बनता है। कई ऐसी आपत्तिजनक चीजें इसके द्वारा शेयर की जाती है जो कानून व्यवस्था बिगाड़ने से लेकर किसी व्यक्ति की आत्महत्या का तक कारण बन जाती हैं। इसीलिए कई विशेषज्ञ मांग कर रहे थे कि सरकार सोशल मीडिया के लिए कुछ सख्त नियम बनाए जिससे अभिव्यक्ति की आजादी पर भी हमला न हो और अराजक तत्वों के मन में भी डर बैठे। ऐसे में ही भारत सरकार ने अंततः 25 फरवरी 2021 को नए नियम लागू कर दिए।
भारत सरकार ने बृहस्पतिवार को the information technology (guidelines for intermediry and digital media ethics code) Rules 2021 जारी किए है और सभी कंपनियों को इन नियमों का पालन करना होगा।साथ ही साथ अब फेक न्यूज़ फैलाने वालों पर के बारे में भी कंपनियों को सख्ती बरतनी होगी।
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए नियम।
सोशल मीडिया कंपनियों के लिए केंद्र सरकार ने दिशा निर्देश जारी करते हुए बताया है की कंपनियों को अपने यूजर्स को किसी भी प्रकार की झूठी, भ्रामक और मानहानि से जुड़ी सूचना देने दिखाने अपलोड करने या फिर उसे मॉडिफाई करने या फिर उसे स्टोर करने या उसे अपडेट करने या उसे शेयर करने और या प्रसारित करने की मनाही है और ऐसा करने पर उसके खिलाफ कार्यवाही की जा सकती है। साथ ही सोशल मीडिया कंपनियों से यह भी कहा गया है कि साल में कम से कम एक बार उसे इन नियमों के बारे में अपने यूज़र्स को बताना होगा। यदि कोई यूजर इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो कंपनियों को उस पर कार्यवाही करते हुए उसका एक्सेस कंप्यूटर रिसोर्सेज से हटाना होगा और ऐसा करने का कंपनियों को पूर्ण अधिकार होगा
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महिलाओं की तस्वीर के साथ छेड़खानी वाली तस्वीरों को 24 घंटे में हटाना होगा।
नए सोशल मीडिया के लिए जारी नए नियम महिलाओं के लिए भी काफी राहत भरी खबर लेकर आए हैं। नियमों के अनुसार डिजिटल प्लेटफॉर्म को अब झूठ और अफवाह फैलाने की छूट नहीं दी जाएगी कंपनियों को एक शिकायत अधिकारी नियुक्त करना होगा और किसी भी शरारत पूर्ण सूचना,अराजकता फैलाने वाली सूचना की शुरुआत करने वाले पहले व्यक्ति का खुलासा करना होगा और जरूरत पड़ने पर सुरक्षा एजेंसियों को इसकी जानकारी साजा भी करनी होगी। वही महिलाओं की तस्वीरों के साथ छेड़खानी वह अश्लील सामग्री को पोस्ट होने के 24 घंटे के भीतर हटाना अनिवार्य होगा।
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शिकायतों के खिलाफ कंपनी को अपनी कार्यवाही की जानकारी हर महीने जारी करनी होगी।
नए नियमों के अनुसार सभी सोशल मीडिया कंपनियों को अपनी मंथली कंप्लायंस रिपोर्ट हर महीने साझा करनी होगी, जिसके तहत बताया जाएगा कि कंपनी को इस माह कितनी शिकायतें मिली हैं और उसके खिलाफ क्या क्या कार्यवाई की गई है। जो शिकायत आई थी क्या उसके उसके आधार पर कोई कंटेंट हटाया गया या नहीं हटाया गया।
साथ ही कंपनियों को भारत में अपना एक शिकायत समाधान अधिकारी नियुक्त करना होगा। जो भारत का निवासी होना चाहिए। साथ ही साथ इन शरारत पूर्ण सूचनाओं को सबसे पहले पोस्ट या शेयर करने वाले व्यक्ति की जानकारी जरूरत पड़ने पर अदालत या सरकार को साझा करनी होगी। यदि कोई खबर विदेश से फैल रही है तो देश में सबसे पहले उस खबर को शेयर करने वाले व्यक्ति की जानकारी साझा करनी होगी। इससे यह फायदा होगा किसी भी आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर शेयर करने वाले व्यक्ति की पहचान करने में आसानी होगी और उसके खिलाफ कार्यवाही करने में भी आसानी होगी।
यूजर्स को क्या अधिकार मिले।
इस कानून के तहत यूजर्स के लिए भी कुछ नियम आए जिसमें एक नियम है कि यदि कोई यूजर अपना अकाउंट वेरीफाई कराना चाहे तो सोशल मीडिया कंपनियों को यूज़र्स को यह ऑप्शन देना होगा। साथ ही साथ उन्हें एक वेरीफाइड का मार्क भी देना होगा जैसा मार्क हम बड़े सेलिब्रिटी के अकाउंट के आगे देखते हैं, हालांकि यह वही मार्क होगा या कंपनियां इसके लिए नया मार्ग बनाएंगी युवा फैसला कंपनियों को लेना है।
नए नियमों के अनुसार यदि सोशल मीडिया कंपनियां किसी यूज़र का अकाउंट हटा रही है या उसके किसी पोस्ट को हटा रही है तो उससे पहले उन्हें यूजर से संपर्क करना होगा और उसे इसका कारण बताना होगा कि क्यों उनके द्वारा इस कंटेंट को हटाया जा रहा है और इस दौरान कंपनियों को यूजर का भी पूरा पक्ष सुनना होगा और उसके बाद ही कोई कार्यवाही करनी होगी।