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 घर लेना बड़ी बात नहीं है,  बल्कि उसे समय पर चुकाना  बहोत बड़ी बात है.  हम घर को लोन पर  लेकर 5 लाख रुपये तक का टैक्स  तो बचा सकते हैं, लेकिन  हम अपने  हिसाब से जोड़ के देखे  तो अगर हम समय पर उधार न चुक पाए तो कितने तक का ब्याज बढ़ जाएगा. और अगर लोन और उस पर दिया जाने वाला ब्याज ही रीपेमेंट की अवधि को 15-20 साल तक खींच  ले  तो हो सकता है कि आपकी जिंदगी में कई बड़े बदलाव आएं. आज ही स्थिति है  तो आगे चलकर बेहतर होगी या बिगड़ेगी कुछ कह नही सकते. इन दोनों परिस्थितियों में आपको लोन तो चुकाना होगा । स्थिति ठीक रही तो लोन चुकाना आसान होगा और बिगड़ी तो कई मुश्किल  आपके सामने आ सकती है. इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए ही लोन लें और लेने के बाद उस पर गंभीरता से ध्यान से एक बार सोचे .

 एक बार को बाद में ये भी हो सकता है कि  घर के  लोन पर लगने वाला ब्याज बदल जाए, उसकी दरें कुछ और हो सकती है  साथ ही ऐसा भी हो सकता है कि सरकार की नीतियां बदल जाएं और आर्थिक स्थिति  ठीक हो जाइए इन सभी स्थितियों को ध्यान में रखते हुए समय-समय पर अपने घर पे लिए लोन की  समय समय पर खबर लेते रहना चाहिए. समय-समय पर पता करना चाहिए कि आपके  घर के  लोन पर कितना आउटस्टैंडिंग बैलेंस बच गया है. इससे आपको यह पता चलेगा कि  घर के  लोन को पहले ही बंद कर देना चाहिए, उसका टॉप अप कराना चाहिए या बैलेंस को  ट्रांसफर क करने की जरूरत होगी.

बैलेंस ट्रांसफर

घर के लोन पर अक्सर ब्याज दरें बदलती  ही रहती हैं. पहले हाउसिंग फानइेंस कंपनियां सस्ते में लोन देती थीं और बैंकों का लोन महंगा है ।अब मामला उलटा हो गया है. बैंक अब सस्ता लोन दे रहे हैं जिससे कारण  हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों को घाटा उठाना पड़ रहा है. अब लोग हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से अपना लोन ट्रांसफर करके बैंकों में करा रहे हैं. अगर आपको भी लगता है कि बैंक से हाउसिंग फाइनेंस कंपनी या कंपनी से बैंकों में लोन ट्रांसफर कराने से ब्याज पर लाभ मिलेगा तो यह काम जरूर करना चाहिए.

अगर आपका रीपेमेंट रिकॉर्ड अच्छा है और क्रेडिट स्कोर भी सही है तो इसमें कोई दिक्कत नहीं आएगी. आप यह काम आसानी से कर सकते हैं. बस आपको फॉर्म भरना होगा और साथ में केवाईसी, इनकम, इंप्लॉयमेंट प्रूफ, लोन का पेपर, एनओसी आदि  भी जमा कराना होगा. साथ  ही लोन पेमेंट स्टेटमेंट को लेकर उस नए संस्थान के पास पहुंच जाएं जहां लोन ट्रांसफर कराना है

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फोरक्लोजर

ब्याज देना भारी पड़ रहा है तो  घर के लोन को समय से पहले चुका सकते हैं. इस मे ऐसा होता  है कि  अगर अचानक  से बड़ी राशि मिल जाए, तो कोई लॉटरी लग जाए. कई साल से रुका पैसा भी  मिल जाए, एप्रेजल में बड़ा फायदा हो जाए या बोनस में इतना पैसा मिल जाए कि आसानी से लोन चुका सकते हैं.  हमे कभी कभी लोन देने के लिए  लोगो कही चीजे अपने मन मे सोचते है   लेकिन इसे यह फायदा है कि अगर हम ऐसा करते हैं तो ब्याज का बोझ कम होगा.

जरूरी नहीं कि एक  बार मे पूरा पैसा दें, लेकिन जितना हो सके तो उसे चुका कर अपना वजन हल्का जरूर कर सकते हैं. अच्छा तो यही रहेगा कि पूरा लोन चुका दें. कम भी चुकाते हैं तो ईएमआई कम हो जाएगी और साथ ही   ब्याज भी घट जाएगा. इसके लिए आप फोरक्लोजर की अर्जी, साथ में आईडी और एड्रेस प्रूफ, लोन सैंक्शन पेपर बैंक में जमा करा दें. कुछ बैंक फोरक्लोजर के लिए फी लेते हैं, कुछ नहीं. हमेशा ध्यान रखें कि अगर लोन बंद  कराएं तो प्रॉपर्की का ओरिजिनल पेपर लेना न भूलें.

टॉप अप लोन

लोन के पैसे से घर बनाने का काम नहीं चल पा रहा तो टॉप अप लोन ले सकते हैं. इसके लिए आपको केवाईसी के साथ टॉप लोन का फॉर्म भरना होगा. इसमें से पैन, पहचान पत्र, पते का प्रूफ, इनकम और इंप्लॉयमेंट का प्रूफ, टाइटल डीड आदि देने की जरूरत होगी. टॉप अप लोन के लिए बैंक प्रोसेसिंग की  फी लेगा. टॉप अप लोन पर्सनल लोन की तरह होता है जिसकी ब्याज दरे घर लोन से ज्यादा होती हैं. होम लोन के मूलधन पर मिलने वाली टैक्स सुविधा को कतई न भूलें क्योंकि इससे आपकी देनदारी कुछ हद तक घट जाएगी. 

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