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कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुंभ मेले की समयसीमा को लेकर किया गया बड़ा फैसला, जाने अब कितने दिन का होगा कुंभ।


कोरोना संक्रमण को देखते हुए  कुंभ मेले की समयसीमा को लेकर किया गया बड़ा फैसला, जाने अब कितने दिन का होगा कुंभ।

एनएफ

प्रियांशी, दून प्राइम न्यूज़, देहरादून।

कुंभ मेले के नियमों में किए गए बदलाव। कोरोना संक्रमण को देखते हुए कुंभ मेले की समयसीमा बदली गई। अब कुंभ मेला 48 दिन के बजाय 60 दिन का होगा।

उत्तराखंड के पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि कोरोना संक्रमण ना फैले इस बात का पूरा ध्यान रखा जाएगा और कुंभ मेले से पहले पढ़ने वाले चारों स्नानो को कोविड मानकों का पालन कराने के साथ संपन्न कराया जाएगा साथ ही साथ इसके लिए जल्दी एसओपी जारी की जाएगी।अशोक कुमार ने यह भी कहा कि इस बार 48 नहीं 60 दिन का होगा कुंभ मेला। कुंभ मेले के बारे मे 27 या 28 फरवरी को सूचना जारी कर दी जाएगी।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए  कुंभ मेले की समयसीमा को लेकर किया गया बड़ा फैसला, जाने अब कितने दिन का होगा कुंभ।

स्नान की तिथि से 5 दिन पहले की करोना नेगेटिव रिपोर्ट वाले श्रद्धालु ही गंगा स्नान कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि स्नान से पूर्व और प्रमुख कुंभ स्नान के हिसाब से पार्किंग व अन्य व्यवस्थाएं की जाएगी।उन्होंने कहा कि कुंभ मेले के प्रचार प्रसार के लिए फेसबुक पेज बनाया गया है इस पेज पर कुंभ से जुड़ी सामग्री श्रद्धालुओं तक उपलब्ध कराई जाएगी साथ ही साथ ट्रैफिक प्लान और पार्किंग की जानकारी श्रद्धालु घर बैठे पा सकेंगे।

सरकार ने व्यापारिक और सामाजिक संगठनों से मांगा सहयोगउन्होंने व्यापार मंडल व सामाजिक संस्थाओं से कुंभ में सहयोग की अपील की। गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा कि कुंभ के पूर्व स्नान पहले जैसे हो।बता दें कि कुंभ मेला 11 मार्च से शुरू होगा और मकर सक्रांति के नाम से पूर्व ही कुंभ मेला शुरू हो रहा है।व्यापार मंडल के जिला अध्यक्ष सुनील शेट्टी ने कहा की मकर सक्रांति समेत सभी स्नान पर्वों को बड़े स्तर पर मनाया जाए। मां मनसा देवी के पैदल व सीढ़ी मार्ग पर पथ प्रकाश की व्यवस्था की जाए और शहर में चेक पोस्ट की व्यवस्था की जाए।

कोरोना संक्रमण को देखते हुए  कुंभ मेले की समयसीमा को लेकर किया गया बड़ा फैसला, जाने अब कितने दिन का होगा कुंभ।

कुंभ अनुशासन के साथ अच्छा होगाकेंद्रीय शिक्षा मंत्री व हरिद्वार के सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि महाकुंभ अनुशासन के कार्यकर्ताओं के साथ कुछ अच्छा होगा। उन्होंने लोगों से भी अपील की कि वे परिस्थिति के हिसाब से मदद करें ताकि सरकार अच्छे से कुंभ मेले का आयोजन कर सके। निशंक ने कहा कि कुंभ मेला लोगों के मिलन का सबसे आकर्षक का पर्व है।

कुंभ एक ऐसा पर्व है जो कि सब सीमाओं को तोड़कर पूरे विश्व को एकत्रित करता है। 2010 के कुंभ में 100 से भी ज्यादा देशों का आना इस बात का सबूत है कि मां गंगा राष्ट्रीय जरूरत नहीं बल्कि विश्व धरोहर है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि गंगा इस प्रदेश से अवतरित होकर विश्व के कल्याण के लिए आगे बढ़ रही है।

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