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Jaya Ekadashi 2021 : आज है जया एकादशी का व्रत जानिए क्या है मुहूर्त और क्यों रखते हैं आज व्रत.

Jaya Ekadashi 2021: वैसे तो हिंदू पंचांग के अनुसार व हिंदू धर्म के अनुसार साल भर में कई व्रत आते हैं लेकिन जया एकादशी का व्रत इन सभी व्रतों में श्रेष्ठतम माना जाता है. कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने से इंसान को मोक्ष की प्राप्ति होती है. आइए जानते हैं इस व्रत की क्या खासियत है क्यों इसे मनाया जाता है और आज शुभ मुहूर्त क्या है.

कब मनाई जाती है जया एकादशी।

हिंदी पंचांग के अनुसार प्रत्येक वर्ष माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को ही जया एकादशी ( Jaya Ekadashi ) के नाम से जाना जाता है। हिंदू पंचांग और हिंदू धर्म में इस व्रत की काफी मान्यता है। हिंदू कथाओं के अनुसार जया एकादशी का व्रत इंसान की हर एक मनोकामना को पूर्ण करता है इस दिन सच्चे मन से व्रत रखने से आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है और आपके सभी पापों से आपको मुक्ति मिलती है।

क्या है जया एकादशी का मुहूर्त।

इस साल माघ माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी यानी कि 23 फरवरी को जया एकादशी पड़ रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 22 फरवरी की शाम 5:16 से होगा वही जया एकादशी व्रत की पूजा मंगलवार 23 फरवरी को की जाएगी। बात करें व्रत के समापन की तो वह 23 फरवरी को शाम 6:05 पर समाप्त होगा।

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क्या है जया एकादशी का पौराणिक महत्व।

हिंदू धार्मिक व पौराणिक ग्रंथों के अनुसार जया एकादशी का महत्व काफी अधिक है। जया एकादशी (Jaya Ekadashi) के व्रत को हिंदू धर्म के अनुसार रखे जाने वाले व्रतों में सबसे कठिन माना गया है। माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी के शुरू होते ही इस व्रत की शुरुआत हो जाती है। इस व्रत के महत्व के बारे में स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर और अर्जुन को बताया था कहा जाता है कि एकादशी के व्रत में कठोर नियमों का पालन करने पर व विधि पूर्वक इस व्रत को रखे जाने पर शुभ फल की प्राप्ति होती है।

आपको बता दें कि जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा वह उपासना की जाती है इस दिन उन्हें उनकी प्रिय वस्तुओं का भोग लगाया जाता है।

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जया एकादशी व्रत की पूजन विधि।

जया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और उसके बाद भगवान विष्णु की पूजा अर्चना शुरू करनी चाहिए। स्नान करने के बाद पूजा शुरू करने से पहले मंदिर को अच्छी तरह साफ कर ले और चौकी पर विष्णु भगवान की प्रतिमा या उनका कोई चित्र रखकर व्रत पूजा का आरंभ करें। क्योंकि भगवान विष्णु का प्रिय रंग पीला माना जाता है इसलिए इस दिन पीले रंग के वस्त्रों वह वस्तुओं का उपयोग अच्छा माना गया है।

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