आपको पता है की छठ व्रत कठिन व्रतों में से एक माना जाता है। बता दे की इस दिन उगते और डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। वही, 4 दिन तक चलने वाले इस त्योहार का आज दूसरा दिन है। तीसरे दिन संध्या के समय डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान और सुहाग की लंबी उम्र के लिए 36 घंटे का निर्जला व्रत रखती है। खासतौर से ये पर्व मुख्य रूप से Eastern Uttar Pradesh और Bihar में मनाया जाता है। छठ पर्व का समापन उगते सूर्य देव को अर्घ्य देकर व्रत पारण किया जाता है। इस दिन महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर भरती हैं और नारंगी रंग का सिंदूर लगाया जाता है। लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते है की महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर क्यों भरती हैं। अगर नही तो चलिए हम आपको इसके पीछे की वजह बताते है।
इसलिए लगाया जाता है Chhath Puja पर नाक तक सिंदूर
बता दे की हिंदू धर्म में महिलाओं के 16 ऋंगार में से एक सिंदूर भी है। सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जाता है। Chhath Puja के दिन महिलाएं नाक से मांग तक सिंदूर लगाती हैं। ऐसा माना जाता है कि ये सिंदूर जितना लंबा होता है, पति की आयु भी उतनी ही लंबी होती है। लंबा सिंदूर पति की आयु के साथ परिवार में सुख-संपन्नता लाता है। साथ ही इस दिन लंबा सिंदूर लगाने से परिवार में खुशहाली आती है। महिलाएं छठ पर्व पर सूर्य देव की पूजा और छठी मैया की पूजा के साथ-साथ पति की लंबी आयु, संतान सुख, और परिवार में सुख-संपन्नता की प्रार्थना करते हुए व्रत को पूर्ण किया जाता है।
इसलिए लगाया जाता है Chhath Puja पर नारंगी सिंदूर
साथ ही वही ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक छठ पर्व पर महिलाएं नारंगी रंग का सिंदूर मांग में भरती हैं। कहते हैं कि इस दिन नारंगी सिंदूर भरने से पति की लंबी आयु के साथ व्यापार में भी बरकत होती है। उनको हर राह में सफलता मिलती है। इतना ही नहीं, वैवाहित जीवन खुशमय होता है। इतना ही नहीं, नारंगी रंग हनुमान जी का शुभ रंग है।