इस वक्त की बड़ी खबर उत्तराखंड से आ रही है जहां नेताओं, मंत्रियों के करीबी,रिश्तेदारों, परिचितों को नौकरी मिलने के बाद अब सरकार पर धर्म संकट पैदा हो गया है। इसके साथ ही पूर्व विधानसभा स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल के एक बयान ने सरकार के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है।
पत्रकारों द्वारा सवाल किए गए तलब
जी हां बता दे कि प्रेमचंद अग्रवाल से जब पत्रकारों द्वारा उनके कार्यकाल में विधानसभा में हुई नियुक्तियों के विषय में चर्चा की गई तो उन्होंने पहले सामान्य लहजे में बात करी लेकिन जब उनसे सवाल तलब किए जाने लगे तो वे नाराज होकर जवाब देने लगे। और उन्होंने लगभग सीना ठोक कर कहा कि हां,की है नियुक्तियां।
सभी नियुक्तियां की गई है नियमानुसार
आपको बता दें कि प्रेमचंद अग्र वाल ने कहा उनके कार्यकाल के दौरान विधानसभा में जितनी भी नियुक्तियां की गई हैं वे सभी नियमों के अनुसार की गई है। इतना ही नहीं अग्रवाल ने दावा किया कि सभी नियुक्तियां तदर्थ है। लेकिन इन सबके बीच सबसे बड़ी बात जो है वह यह है कि अग्रवाल यह नहीं बता पाए कि इन तदर्थ नियुक्ति वाले कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों की तरह सभी सुविधाएं और आवास तक की सुविधा कैसे मिल गई?
1 साल में 4 बार डिप्टी सेक्रेटरी का किया प्रमोशन
प्रेमचंद्र अग्रवाल द्वारा यह भी बताया गया कि किस तरह उन्होंने 1 साल में 4 बार डिप्टी सेक्रेटरी को प्रमोशन देकर विधानसभा सचिव बनाया उन्होंने कहा की विधानसभा में यह होता रहता है।
विधानसभा में फाइनेंस कंट्रोलर की नियुक्ति न होने और तदर्थ नियुक्ति पर आए कर्मचारियों की वेतन स्वीकृति को लेकर जब प्रेमचंद्र से सवाल पूछा गया तो उन्होंने यह प्रश्न विधानसभा से पूछने का सुझाव दे दिया।