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इस वक्त की खबर भारतीय क्रिकेट के दिग्गज एमएस धोनी और आम्रपाली ग्रुप के बीच चल रहे विवाद से संबंधित हैं। एम एस धोनी और आम्रपाली ग्रुप के बीच कई वर्षों से लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा है | जिसमें अब सुप्रीम कोर्ट ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए क्रिकेटर एमएस धोनी को नोटिस भेजा है।
बता दे कि आम्रपाली ग्रुप के विवाद में महेंद्र सिंह धोनी इसलिए फंसे हुए हैं क्योंकि एक समय में वे रियल स्टेट डेवलपर के ब्रांड एंबेसडर थे। वे करीब छह से सात सालों तक रियल स्टेट डेवलपर के ब्रांड एंबेसडर थे और उन्होंने इसके लिए कई विज्ञापन भी शूट किए थे। धोनी का नाम इस विवाद में वर्ष 2016 में सबसे पहले आया था जब आम्रपाली परियोजना के पीड़ित निवासियों ने धोनी को सोशल मीडिया पर टैग करके अम्रपाली ग्रुप से अलग होने को कहा था। इसी मामले के बाद धोनी ने आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर के पद से इस्तीफा दे दिया था लेकिन इसके बाद उन्हें फीस नहीं दी गई।
आपको बता दें कि यह मुकदमा रीति स्पोर्ट्स मैनेजमेंट ने धोनी की ओर से पहले दिल्ली हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में दायर किया था। रिति स्पोर्ट्स द्वारा यह भी कहा गया था कि आम्रपाली ग्रुप धोनी को लगभग 150करोड रुपए देने में अक्षम रहा है, जो की धोनी को एक ब्रांड एंबेसडर के रूप में उन्हें भुगतान करना चाहिए था। दिल्ली हाईकोर्ट ने धोनी और आम्रपाली ग्रुप के बीच चल रहे इस विवाद को सुलझाने के लिए एक कमेटी का भी गठन किया था जिसमें धोनी द्वारा अपनी बकाया फीस की मांग रखी गई थी और रियल स्टेट डेवलपर ने पैसे की कमी बताते हुए मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाना ही ठीक समझा था।

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सुप्रीम कोर्ट में जब सुनवाई की गई तो पीड़ितों ने आम्रपाली ग्रुप पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें फ्लैट्स नहीं दिए जा रहे हैं जिस पर रियल एस्टेट डेवलपर ने फंड की कमी बताते हुए पल्ला झाड़ दिया और कहा कि अगर वे एम एस धोनी की फीस का भुगतान करते हैं तो वह फ्लैटस नहीं दे पाएंगे। अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा एम एस धोनी और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस भेजा गया है और पक्ष रखने को कहा गया है यदि फैसला धोनी के पक्ष में होता है तो अम्रपाली ग्रुप के द्वारा डेढ़ सौ करोड़ रुपए दिए जाएंगे जिससे ग्राहकों को फ्लैट मिल पाना मुश्किल हो सकता है। बता दें कि साल 2018 में एमएस धोनी द्वारा रियल स्टेट पर फीस न देने का मुकदमा दायर किया गया था।

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