यह तो सभी जानते हैं कि Phone, Laptop और TV पर बहुत ज्यादा समय बिताने से हमारी आंखें सबसे ज्यादा प्रभावित होती हैं और बच्चों पर तो इसका और भी ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ता है। Lockdown के दौरान और उसके बाद भी काफी वक्त तक बच्चों की online classes ही चल रही थी। पढ़ाई के साथ ही बच्चों ने Smart phone और tablet पर खेलने में भी बहुत समय बिताया था, जिससे उनकी आंखों में भी कई तरह की समस्याएं देखने को मिली।
बताया गया है कि Screen अधिक समय तक देखने से, कम से कम हुई बाहरी गतिविधियों ने, बच्चों में आंखों से जुड़ी समस्याओं की वजह बन सकता है। कुछ बच्चे सिरदर्द, आंखें लाल होना, दृष्टि में स्पष्टता की कमी के बारे में शिकायत करते हैं इसलिए बच्चों की आंखों की जांच करना बहुत ज़रूरी है।
वहीं, Computer और Phone के बहुत ज्यादा इस्तेमाल के कारण अस्थायी रूप से कमजोरी और धुंधली दिखना, आंखों में थकान, सूखी और चिढ़चिढ़ी आंखें, प्रकाश संवेदनशीलता, मांसपेशियों की समस्याएं, सिरदर्द- इन सभी स्थितियों को कंप्यूटर विजन सिंड्रोम की प्रॉब्लम हो सकती है। लंबे समय तक मॉनिटर को देखने से आंखों में जलन हो सकती है और शुष्क वातावरण और पानी की कमी इन लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। तो, ऐसे कौन से कारण हैं जो इन लक्षणों को जन्म देते हैं?
इसी के साथ यह सुनिश्चित करना अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि आपका बच्चा गृह-कार्य करते समय बिस्तार का उपयोग न कर रहा हो। स्क्रीन के काम के लिए उपयुक्त मेज के साथ एक कुर्सी पर बैठना हमेशा बेहतर होता है। ध्यान रहें कि कुर्सी अध्ययन की स्थिति को स्थिर बनाती है।
आपको बता दें कि सूखी आंखों की संभावना से बचने के लिए अध्ययन के घंटों के बीच अपनी आंखों को झपकाना महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करने के लिए आंखों की सामने की सतह को नम रखने के लिए पलक झपकाना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा, पढ़ने, लिखने और स्क्रीन का उपयोग करते समय हर 30-40 मिनट के बाद नियमित रूप से विराम लेने की अत्यधिक सिफारिश की जाती है।