विकासनगर में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई एक बार फिर चर्चा में है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद प्रशासन ने करीब 12.50 हेक्टेयर भूमि से अतिक्रमण हटाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस कार्रवाई के तहत भीमावाला क्षेत्र में जब प्रशासन की टीम पहुंची तो स्थानीय ग्रामीणों ने इसका विरोध किया।
प्रशासनिक कार्रवाई का ग्रामीणों ने विरोध करते हुए दावा किया कि जिन जमीनों पर उन्हें कब्जा बताया जा रहा है, उन पर उन्हें सरकारी पट्टे जारी किए गए थे। ऐसे में वर्षों से बसे उनके आशियानों को उजाड़ा जाना अन्यायपूर्ण है।
गौरतलब है कि यह कार्रवाई हाईकोर्ट के उस आदेश के तहत की जा रही है, जो उर्मिला थापा और अन्य द्वारा दाखिल जनहित याचिका पर आया था। याचिका में ढांग, नाले और खालों पर हो रहे अवैध कब्जों को हटाने की मांग की गई थी। हाईकोर्ट ने सरकार को इस दिशा में सख्त निर्देश देते हुए 15 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने को कहा है।
प्रशासन का कहना है कि कोर्ट के निर्देशों का पालन करना अनिवार्य है और अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तय नियमों के तहत की जा रही है। हालांकि, ग्रामीणों का विरोध इसे आसान नहीं बना रहा। अब देखना होगा कि प्रशासन और ग्रामीणों के बीच समाधान कैसे निकलता है।l
यह भी पढें-उत्तराखंड के प्रख्यात साहित्यकार सुभाष पंत का निधन, साहित्यिक समुदाय में छाई शोक की भावना