अवैध प्लॉटिंग का विस्तार, प्रशासन सख्त
देहरादून में अवैध प्लॉटिंग का नेटवर्क लगातार फैलता जा रहा है। शहर के 12 अलग-अलग सेक्टरों में लगभग 120 अवैध कॉलोनियां बस चुकी हैं। इन कॉलोनियों के खिलाफ मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने सख्त रुख अपनाते हुए कई स्थानों पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की है। कई मामलों में अब भी न्यायालय में सुनवाई चल रही है।
शुक्रवार को भी कंडोली क्षेत्र में अवैध रूप से बनाए गए मकानों पर बुलडोजर चलाया गया। एमडीडीए ने लोगों को अवैध प्लॉटिंग के खतरे से बचाने के लिए इन कॉलोनियों को चिह्नित कर सार्वजनिक सूची जारी कर दी है। अब किसी भी खरीदार को प्राधिकरण की वेबसाइट पर जाकर इन अवैध कॉलोनियों और प्लॉटिंग से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त हो सकती है।
भूमाफिया बेलगाम, प्रशासन की कोशिशें जारी
अवैध प्लॉटिंग पर प्रशासन की सख्ती के बावजूद भूमाफिया लगातार नई कॉलोनियां विकसित करने में जुटे हुए हैं। 2024 में 5000 बीघा से अधिक भूमि पर की गई अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया जा चुका है, फिर भी यह सिलसिला नहीं थम रहा है।
अब एमडीडीए ने वेबसाइट पर खसरा नंबर के साथ अवैध प्लॉटिंग की विस्तृत जानकारी अपलोड कर दी है, जिससे लोग इनसे बच सकें।
ग्रामीण इलाकों में सबसे ज्यादा अवैध प्लॉटिंग
ग्रामीण इलाकों में अवैध प्लॉटिंग बड़े स्तर पर हो रही है। रिपोर्ट के अनुसार—
- सेक्टर 1 से 6 के अंतर्गत 44 अवैध कॉलोनियां विकसित की गई हैं। ये कॉलोनियां नूरीवाला, दीपनगर, धोरणखास, नागबल हटनाला, नवादा, किरसाली गांव और अपर तुनवाला जैसे क्षेत्रों में फैली हैं।
- सेक्टर 7 से 10 में 55 अवैध कॉलोनियां बसाई गई हैं। इनमें जोहड़ीगांव, गल्जवाड़ी, कंडोली, फुलसणी, बगराल, नकरौंदा और किरसाली जैसे इलाके शामिल हैं।
- सेक्टर 11 और 12 में 23 अवैध कॉलोनियों का निर्माण किया गया है।
कृषि भूमि पर मकान बनाना गैरकानूनी
एमडीडीए के नियमों के अनुसार, सिर्फ आवासीय भूमि पर ही निर्माण की अनुमति होती है। लेकिन भूमाफिया कृषि भूमि पर अवैध रूप से प्लॉटिंग कर रहे हैं और कम कीमत में लोगों को प्लॉट बेचकर धोखा दे रहे हैं। इसका खामियाजा खरीदारों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि उनके घर अवैध घोषित कर दिए जाते हैं और बाद में प्रशासन द्वारा ध्वस्त कर दिए जाते हैं।
अवैध प्लॉटिंग के बड़े मामले
केस 1: धर्मावाला में 100 बीघा जमीन पर अवैध प्लॉटिंग
ग्राम धर्मावाला में 100 बीघा कृषि भूमि पर अवैध प्लॉटिंग कर दी गई थी। एमडीडीए ने तीन बार ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए जेसीबी से अवैध निर्माण गिरा दिया। पहली कार्रवाई 2017-18 में हुई थी, और हाल ही में तीसरी बार अवैध निर्माण तोड़ा गया।
केस 2: शिमला बाईपास पर अवैध प्लॉटिंग ध्वस्त
शिमला बाईपास के विभिन्न स्थानों पर एमडीडीए की टीम ने 22 बीघा जमीन पर अवैध कॉलोनियों को गिराया। इसके अलावा, मेहंदीपुर गांव में 22 बीघा और शिमला बाईपास रोड पर 5 बीघा भूमि पर अवैध प्लॉटिंग को ध्वस्त किया गया।
एमडीडीए का निर्देश – पंजीकृत कॉलोनी में ही प्लॉट खरीदें
अवैध कॉलोनियों पर लगातार बुलडोजर चलाए जा रहे हैं, और प्रशासन खरीदारों को सतर्क रहने की अपील कर रहा है। एमडीडीए के सचिव एमएस बर्निया ने कहा—
“लोगों को केवल पंजीकृत कॉलोनियों में ही प्लॉट खरीदने चाहिए। अवैध कॉलोनियों में निवेश करने से भविष्य में परेशानी हो सकती है।”
निष्कर्ष
देहरादून में अवैध प्लॉटिंग पर प्रशासन की लगातार सख्त कार्रवाई जारी है। इसके बावजूद भूमाफिया नए-नए इलाकों में अवैध कॉलोनियों का विस्तार कर रहे हैं। एमडीडीए ने लोगों को सतर्क रहने और पंजीकृत कॉलोनियों में ही प्लॉट खरीदने की सलाह दी है। यदि किसी को अवैध प्लॉटिंग की जानकारी चाहिए, तो वह प्राधिकरण की वेबसाइट पर खसरा नंबर और अवैध प्लॉटिंग से जुड़ी पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है।