उत्तराखंड सरकार ने बेटियों के सशक्तिकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नंदा गौरा योजना के तहत बड़ी धनराशि जारी की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) के माध्यम से 40,504 लाभार्थियों को वित्तीय सहायता प्रदान की। वित्तीय वर्ष 2024-25 के तहत 1 अरब 72 करोड़ 44 लाख 4 हजार रुपए लाभार्थियों के खातों में ट्रांसफर किए गए।
पिछले 5 वर्षों में 9 अरब से अधिक की सहायता
सरकार के मुताबिक, इस योजना के तहत पिछले पांच वर्षों में 2,84,559 लाभार्थियों को कुल 9 अरब 68 करोड़ 64 लाख 51 हजार रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की जा चुकी है। यह योजना उत्तराखंड की बालिकाओं को जन्म से लेकर शिक्षा तक आर्थिक सहयोग प्रदान करने के लिए चलाई जा रही है।
जन्म और शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग
नंदा गौरा योजना के तहत राज्य में कन्या के जन्म पर 11,000 रुपए और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने पर 51,000 रुपए की सहायता राशि दी जाती है। इस वर्ष 8,616 नवजात बालिकाओं को 9 करोड़ 81 लाख 16 हजार रुपए और 12वीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाली 31,888 बालिकाओं को 1 अरब 62 करोड़ 62 लाख 88 हजार रुपए की धनराशि मुख्यमंत्री द्वारा डीबीटी के माध्यम से हस्तांतरित की गई।
बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के लिए सरकार का संकल्प
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत सरकार लगातार विभिन्न योजनाओं के माध्यम से बालिकाओं को आर्थिक सहायता एवं शिक्षा प्रोत्साहन प्रदान कर रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में बालिका शिक्षा प्रोत्साहन योजना, मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट योजना जैसी कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिनका उद्देश्य बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना है।
नंदा गौरा योजना उत्तराखंड की बालिकाओं के उज्ज्वल भविष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे गरीब और जरूरतमंद परिवारों की बेटियों को शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल रहा है।
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