देवभूमि की सांस्कृतिक विरासत की रक्षा के लिए सरकार प्रतिबद्ध
देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि राज्य में अवैध मदरसों और अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। सरकार जल्द ही एक व्यापक सत्यापन अभियान शुरू करेगी, जिसके तहत अवैध रूप से संचालित मदरसों की जांच की जाएगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि पहचान छिपाकर राज्य में प्रवेश करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गुरुवार को एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखना आवश्यक है। इसी दिशा में सरकार अवैध निर्माणों और अवैध रूप से संचालित संस्थानों के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है। उन्होंने बताया कि अब तक लगभग 160 मामलों में कार्रवाई की जा चुकी है और आगे भी इस तरह के मामलों पर नजर रखी जाएगी।
अवैध गतिविधियों की फंडिंग पर भी होगी जांच
मुख्यमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल लोगों की आर्थिक सहायता के स्रोतों की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि हर नागरिक को कानून का पालन करना चाहिए और यदि किसी को शिक्षा या अन्य किसी भी क्षेत्र में योगदान देना है, तो सरकार उसे प्रोत्साहित करेगी।
उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में सुरक्षा को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाएगी। यदि कोई व्यक्ति अपनी पहचान छिपाकर राज्य में प्रवेश करता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कांग्रेस के रुख पर सवाल
मुख्यमंत्री धामी ने कांग्रेस द्वारा अवैध फंडिंग पर सूची जारी न करने को लेकर किए जा रहे विरोध पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस हमेशा हर मुद्दे पर विरोध करती है। उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस और अन्य राजनीतिक दल देवभूमि के हित में सकारात्मक भूमिका निभाते हैं, तो सरकार उनका स्वागत करेगी।
वहीं, राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि पार्टी को अवैध मदरसों का समर्थन बंद करना चाहिए और देश की संवैधानिक व्यवस्था को स्वीकार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड एक सनातन प्रदेश है और यहां किसी भी तरह के अवैध व असंवैधानिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
संविधान के दायरे में होगी हर कार्रवाई
राज्य सरकार का मानना है कि किसी भी संस्था या व्यक्ति को कानून के दायरे में रहकर ही काम करना चाहिए। मुख्यमंत्री धामी ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार शिक्षा को बढ़ावा देने के पक्ष में है, लेकिन किसी भी अवैध गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार का यह कदम उत्तराखंड में कानून व्यवस्था को मजबूत करने और राज्य की सांस्कृतिक पहचान को सुरक्षित रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।
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