उत्तराखंड में पवित्र चारधाम यात्रा की शुरुआत 30 अप्रैल से होनी है, लेकिन अभी भी बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में कई फीट बर्फ जमी हुई है। प्रशासन और बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्ग को सुचारू करने में जुटी हुई है। इन दिनों ग्लेशियर काटकर रास्तों को खोलने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
बदरीनाथ धाम में व्यवस्थाओं का निरीक्षण
26 मार्च को बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) के सीईओ विजय थपलियाल और सहायक अभियंता विपिन तिवारी समेत कई अधिकारियों की टीम ने बदरीनाथ धाम का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने यात्रा मार्ग पर बने विश्राम गृहों, मंदिर परिसर, बस टर्मिनल, स्वागत कार्यालय, दर्शन पथ, तप्त कुंड परिसर और अलकनंदा घाट का जायजा लिया। अधिकारियों ने सुरक्षा कर्मियों से भी मुलाकात कर उनकी तैयारियों की जानकारी ली।
वर्तमान में बदरीनाथ धाम में एक से डेढ़ फीट तक बर्फ जमी हुई है, जिससे यात्रा मार्ग बाधित हो सकता है। हालांकि, मंदिर समिति की सभी परिसंपत्तियां सुरक्षित हैं और किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं है। रेन शेल्टर को हल्का नुकसान पहुंचा है, लेकिन प्रशासन इसे जल्द ही दुरुस्त करने में जुटा है।
केदारनाथ यात्रा की तैयारियां तेज, अधिकारियों की बैठक संपन्न
गुरुवार को ऊखीमठ स्थित श्री ओंकारेश्वर मंदिर में केदारनाथ धाम की यात्रा को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इसमें मंदिर समिति के सीईओ विजय थपलियाल और अन्य अधिकारियों ने कर्मचारियों को 2 मई से शुरू हो रही यात्रा की तैयारियों को लेकर दिशा-निर्देश दिए। बैठक में यात्रा मार्ग, सुरक्षा व्यवस्था और तीर्थयात्रियों की सुविधाओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
मंदिर परिसर में सोशल मीडिया कंटेंट बनाने पर लग सकता है प्रतिबंध
चारधाम यात्रा के दौरान मंदिर परिसर में भीड़ को नियंत्रित करने और धार्मिक वातावरण बनाए रखने के लिए प्रशासन सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और ब्लॉगर्स के लिए नियम सख्त करने की योजना बना रहा है।
BKTC के सीईओ विजय थपलियाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के गर्भगृह से 30 मीटर के दायरे में सोशल मीडिया रील्स और व्लॉग बनाने पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है। पिछले अनुभवों को देखते हुए यह फैसला लिया जा सकता है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो। अधिकारियों और शासन स्तर पर इस प्रस्ताव पर चर्चा जारी है और जल्द ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रशासन सतर्क
चारधाम यात्रा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ तैयारियों में जुटा है। ग्लेशियर हटाने का कार्य, विश्राम गृहों की मरम्मत और यात्रा मार्ग की निगरानी लगातार जारी है। यात्रियों को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो, इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था को भी सख्त किया जा रहा है।
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा हर साल लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र होती है, और इस बार भी प्रशासन इसे सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहा है।
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