वर्षों से बसे परिवारों को हटाया, बुलडोजर से ध्वस्त किए गए अवैध निर्माण
उत्तराखंड के रुद्रपुर में रोडवेज बस स्टेशन पर निर्माणाधीन आईएसबीटी टर्मिनल के मार्ग में बाधा बन रहे अतिक्रमण को हटाने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए। मंगलवार को रोडवेज डिपो के फोरमैन आवास पर अवैध रूप से कब्जा जमाए लोगों के खिलाफ अभियान चलाया गया, जिसमें कई पक्के भवनों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।
महिलाओं की मिन्नतें, रोते बच्चे और प्रशासन की सख्ती
इस दौरान वहां वर्षों से रह रहे परिवारों में हड़कंप मच गया। कई महिलाएं हाथ जोड़कर प्रशासन से गुहार लगाती रहीं, तो वहीं सोए हुए बच्चे रोते-बिलखते घरों से बाहर निकाले गए। कुछ परिवारों ने अपने सामान निकालने के लिए समय मांगा, जिसे प्रशासन ने सीमित अवधि तक के लिए स्वीकार किया।
न्यायालय के फैसले के बाद हुई कार्रवाई
सहायक महाप्रबंधक केएस राणा ने बताया कि अतिक्रमणकारियों द्वारा न्यायालय में वाद दायर किया गया था, लेकिन न्यायालय ने परिवहन निगम के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अतिक्रमण हटाने के आदेश दिए। इसी के तहत 3 मार्च को 11 परिवारों को नोटिस जारी किया गया था, जिसमें उन्हें 18 मार्च तक स्वयं अपना अतिक्रमण हटाने का समय दिया गया। लेकिन निर्धारित समय सीमा बीतने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर प्रशासन ने मंगलवार को अभियान चलाकर अतिक्रमण को हटाया।
भारी पुलिस बल की तैनाती, बुलडोजर से ढहाए गए पांच पक्के मकान
इस कार्रवाई के दौरान परिवहन निगम के जीएम पवन मेहरा, डीजीएम भूपेश कुशवाहा, आरएम पूजा जोशी, भूमि भवन विभाग के अभियंता पीके दीक्षित, तहसीलदार दिनेश कुटौला व कोतवाल मनोज रतूड़ी समेत भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद रहा। दोपहर से शाम तक चले इस अभियान में बेला देवी, देवेंद्र कौर, अतुल कुमार व सुक्खी लाल सहित पांच परिवारों के मकान गिरा दिए गए।
छह परिवारों को सामान निकालने का मिला समय
हालांकि, जिन परिवारों ने स्वेच्छा से अपने भवन खाली करने की प्रक्रिया शुरू की, उन्हें प्रशासन ने सामान निकालने के लिए मोहलत दी।
विस्थापन की मांग, व्यापारियों ने दिया मेयर को ज्ञापन
बेघर हुए परिवारों ने प्रशासन से पुनर्वास की मांग की। उन्होंने कहा कि बिना किसी ठोस पुनर्वास व्यवस्था के उन्हें बेघर करना अन्यायपूर्ण है। इस मुद्दे पर स्थानीय व्यापारियों ने भी मेयर को ज्ञापन सौंपकर विस्थापन की उचित व्यवस्था करने की अपील की।
लोक निर्माण विभाग की भी सख्ती, 47 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी
आईएसबीटी निर्माण के रास्ते में आ रहे अतिक्रमण को हटाने की यह कार्रवाई यहीं नहीं रुकी। लोक निर्माण विभाग (PWD) ने भी 47 अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी कर 15 दिन के भीतर अतिक्रमण स्वयं हटाने का आदेश दिया। इससे अतिक्रमणकारियों में खलबली मच गई।
भविष्य में कोई अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं – प्रशासन
परिवहन निगम अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि आईएसबीटी टर्मिनल का निर्माण अब किसी भी हाल में नहीं रोका जाएगा। यदि भविष्य में दोबारा अतिक्रमण हुआ, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
हथौड़े की आवाज और चीख-पुकार से दहशत का माहौल
कार्रवाई शुरू होते ही पूरे इलाके में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। जैसे ही कर्मचारियों ने हथौड़े चलाकर भवनों को तोड़ना शुरू किया, घरों में मौजूद महिलाएं बिलखने लगीं, और बच्चे डरकर रोने लगे। कुछ लोगों ने बचाव के लिए प्रशासन से निवेदन किया, जिसके बाद अधिकारियों ने पहले सामान निकालने की मोहलत दी और फिर कार्रवाई को अंजाम दिया।
निष्कर्ष
रुद्रपुर में आईएसबीटी टर्मिनल का निर्माण लंबे समय से अटका हुआ था, लेकिन अवैध कब्जे हटने के बाद अब इसके निर्माण की राह खुल गई है। प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि अब आगे किसी भी प्रकार के अतिक्रमण को सहन नहीं किया जाएगा और कार्य बिना बाधा के पूरा किया जाएगा।
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