उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की। उन्होंने यात्रा को अधिक सुव्यवस्थित और पर्यावरण के अनुकूल बनाने पर जोर दिया। बैठक में “हरित चारधाम यात्रा” की अवधारणा को लागू करने पर विशेष ध्यान दिया गया, जिससे यात्रा मार्गों पर स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दी जा सके।
सिंगल यूज प्लास्टिक पर प्रतिबंध और जागरूकता अभियान
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि चारधाम यात्रा के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग को पूरी तरह से रोका जाए। इसके लिए यात्रियों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर प्रचार-प्रसार किया जाएगा। साथ ही, सार्वजनिक स्थलों और यात्रा मार्गों पर प्लास्टिक कचरे के उचित निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी।
चारधाम शीतकालीन प्रवास स्थलों का मास्टर प्लान
बैठक में चारधाम यात्रा के शीतकालीन प्रवास स्थलों के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करने के निर्देश भी दिए गए। इसके तहत गंगोत्री और यमुनोत्री के लिए विशेष योजना बनाई जाएगी, जिससे इन क्षेत्रों का विकास सुनियोजित तरीके से किया जा सके।
भविष्य की धार्मिक यात्राओं की योजना
मुख्यमंत्री ने 2026 की नंदा राजजात यात्रा और 2027 के अर्धकुंभ मेले की तैयारियों को अभी से शुरू करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि इन आयोजनों को भव्य और सुव्यवस्थित बनाने के लिए सभी आवश्यक इंफ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की पहले से योजना बनाई जाए।
यात्रियों की सुविधाओं पर विशेष ध्यान
चारधाम यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने निम्नलिखित निर्देश दिए:
- सड़क, बिजली, पानी और स्वास्थ्य सेवाओं की पर्याप्त व्यवस्था हो।
- यातायात प्रबंधन और पार्किंग की उचित व्यवस्था की जाए।
- यात्रियों के लिए हेल्थ स्क्रीनिंग टेस्ट की व्यवस्था हो।
- पंजीकरण प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित बनाया जाए।
- घोड़े-खच्चरों का समय पर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाए।
हेलीकॉप्टर सेवाओं में पारदर्शिता और सुरक्षा व्यवस्था
मुख्यमंत्री ने हेलीकॉप्टर सेवाओं में टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग को रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, संवेदनशील स्थानों पर ड्रोन कैमरों से निगरानी करने की व्यवस्था करने को कहा, ताकि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया जा सके।
यात्रा मार्गों पर वैकल्पिक रास्ते और हेल्पलाइन सेवा
चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी प्रकार की असुविधा से बचने के लिए वैकल्पिक मार्गों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, यात्रियों की सहायता के लिए विशेष हेल्पलाइन नंबर जारी किया जाएगा, जिससे वे किसी भी समस्या की सूचना तुरंत दे सकें।
महिला यात्रियों के लिए विशेष सुविधा – पिंक टॉयलेट्स
महिला यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्गों पर पर्याप्त शौचालयों की व्यवस्था की जाएगी। इसके तहत पिंक टॉयलेट्स की भी विशेष व्यवस्था की जाएगी, जिससे महिलाओं को स्वच्छ और सुरक्षित शौचालय की सुविधा मिल सके।
हरित चारधाम यात्रा – पर्यावरण संरक्षण की पहल
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि ग्रीन नेशनल गेम्स की तर्ज पर “हरित चारधाम यात्रा” का आयोजन किया जाएगा। इसके तहत यात्रा मार्गों पर स्वच्छता, हरियाली और पर्यावरण संतुलन बनाए रखने के लिए विशेष प्रयास किए जाएंगे।
उत्तराखंड सरकार के इन प्रयासों से चारधाम यात्रा को अधिक सुरक्षित, सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
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