खबर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में स्थित लुलु मॉल से संबंधित है। लुलु मॉल उद्घाटन के बाद से ही विवादों में बना हुआ है। विवादों का कारण यहां मुस्लिमों द्वारा पढ़ी गई नमाज है, जिसके बाद हिंदुओं ने भी मॉल में हनुमान चालीसा पढ़ने का निर्णय लिया था. हालांकि मौके पर पहुंची पुलिस द्वारा चालीसा पढ़ने वाले लोगों को रोक दिया गया था।
बता दें कि नमाज अदा करने वाले चारों युवकों को लखनऊ पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले में पूछताछ की जा रही है। खास बात यह है कि पकड़े गए चारों युवक मुस्लिम है और इन्होंने गुट बनाकर ही लुलु मॉल के अंदर नमाज अदा करी थी। लखनऊ का लुलु मॉल उद्घाटन के पहले से ही चर्चा में आ गया था। लोग इस मॉल की खासियत, तस्वीरें,मालिक का नाम,लुलु शब्द का अर्थ आदि सभी चीजें गूगल पर सर्च करने लगे थे।10 जुलाई को उद्घाटन करने खुद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लुलु मॉल पहुंचे थे और मॉल के मालिक युसूफ अली ने खुद ड्राइव करके योगी को घुमाया था।
लुलु मॉल से जब नमाज़ पढ़े जाने की सीसीटीवी फुटेज निकाली गई तो फुटेज के आधार पर यह बताया जा रहा है कि नमाज़ के पीछे कोई गहरी साजिश थी।बताया जा रहा है कि 18 सेकंड में 9 लोगों के द्वारा नमाज पढ़ी गई है, आखिर यह कैसे हो सकता है। सीसीटीवी फुटेज में साफ देखा जा सकता है कि एक लाइन में 8 लोग बैठे हैं और उनके सामने नमाज पढ़ने वाला बैठा है। आठ के 8 लोग एक दिशा में बैठे हैं जबकि नमाज पढ़ने वाले की डायरेक्शन कुछ और ही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार बताया जा रहा है कि नमाज़ पढ़ने वालों ने केवल 18 सेकंड के समय में ही पूरी नमाज अदा करी थी जबकि आमतौर पर नमाज पढ़ने के लिए 7 से 8 मिनट का समय लगता है। अब सवाल ये उठता है कि क्या यह कोई साजिश थी जिसमें नमाज़ अदा करना तो सिर्फ एक बहाना था? अब तक पुलिस जांच में जो बात सामने आई है वह बेहद ही चौंकाने वाली है। आपको बता दें कि जिन लड़कों ने मॉल में नमाज पढ़ी वह पैदल ही शॉपिंग मॉल के अंदर आए थे।
हिंदू संगठनों द्वारा सिर्फ मॉल में ही नमाज को लेकर हंगामा नहीं किया गया बल्कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा ने आरोप यहाँ तक लगाए हैं कि लुलु मॉल में लव जेहाद को बढ़ावा दिया जा रहा है।इस पर लुलु मॉल ने सफाई जारी करते हुए कहा है कि हमारे यहां 80 फ़ीसदी कर्मचारी हिंदू है और बाकी 20 फ़ीसदी में मुस्लिम समेत बाकी धर्म शामिल हैं।