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अब वन आरक्षी भर्ती परीक्षा में नकल का षडयंत्र रचने के मुकदमे की जांच एसटीएफ के एएसपी चंद्रमोहन सिंह को सौंपी गई है। ऐसा नए कानून में प्रावधान के तहत किया गया है। इस कानून के तहत दर्ज मुकदमे की विवेचना एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी को ही करनी होती है।


जी हाँ,वन आरक्षी भर्ती परीक्षा से ठीक एक दिन पहले एसटीएफ ने शनिवार को हरिद्वार के गुरुकुल नारसन के एमएस कोचिंग सेंटर पर छापा मारकर संचालक मुकेश सैनी और प्राइवेट कॉलेज के सहायक प्रोफेसर रचित पुंडीर को गिरफ्तार किया गया था।


बता दें की आरोपियों के खिलाफ मंगलौर थाने में नए नकलरोधी कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोपियों की ब्लूटूथ के माध्यम से नकल कराने की योजना थी। ब्लूटूथ डिवाइस को कपड़ों में सिलवाया जाना था।

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वहीं इस मामले में तीन अभ्यर्थियों के नाम भी सामने आए थे, जिन्हें अलग-अलग सेंटरों पर परीक्षा देनी थी। एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया कि मुकदमे की विवेचना एएसपी चंद्रमोहन सिंह कर रहे हैं।

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