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जोशीमठ भू-धंसाव की घटना के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के सभी शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन कराने के निर्देश दिए थे। पहले चरण में 15 शहरो की धारण क्षमता का अध्यन किया जाएगा ।

भवनों और आबादी के बढ़ते दबाव को देखते हुए प्रदेश के सभी प्रमुख शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन मानसून के बाद शुरू हो जाएगा। पहले चरण में प्रदेश के 15 शहरों की धारण क्षमता का अध्ययन होगा। इस सूची में मसूरी, नैनीताल, गोपेश्वर, पौड़ी सरीखे घनी आबादी वाले बड़े शहर शामिल हैं।

दरअसल शिमला के हादसे के बाद प्रशासन ने ये निर्णय लिया है । बढ़ते शहरीकरण के बाद और बढ़ती आबादी के कारण जो हादसे हो रहे है और को भुस्खल किनघटनाए सामने अ रही है इसके बाद प्रदेश के सरकार पर धारण क्षमता का अध्यन करने के लिए दबाव बना हुआ है ।

पहले चरण में 15 शहरों का होगा अध्ययन

मसूरी, नैनीताल, पौड़ी, कर्णप्रयाग, नई टिहरी, उत्तरकाशी, लैंसडौन, रानीखेत, नैनीताल, कपकोट, धारचूला, चंपावत, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा, भवाली।

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