बड़ी खबर प्राथमिक शिक्षा भर्ती मामले में कल यानी एक अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। हाईकोर्ट ने पहले ही NIOS से डीएलएड अभ्यर्थियों को शिक्षक भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था। लेकिन इस फैसले के खिलाफ पहले बीएड अभ्यर्थी और फिर सरकार सुप्रीम कोर्ट गई थी। लगभग दो लाख से अधिक बेरोजगारों की इस फैसले पर नजर है।
गौरतलब है की शिक्षा विभाग में 2600 से अधिक पदों पर होने वाली भर्ती पिछले तीन साल से लटकी है। शासन ने 15 नवंबर 2021 को NIOS से डीएलएड अभ्यर्थियों को इस भर्ती में शामिल करने का आदेश किया था, जिसे बाद में रद्द करना पड़ा । इससे नाराज अभ्यर्थी सरकार के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट चले गए थे।
बता दें की हाईकोर्ट से NIOS से डीएलएड अभ्यर्थियों के पक्ष में फैसला आने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया है। 30 जून 2023 को शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने इस मामले की जल्द सुनवाई के लिए शिक्षा निदेशक को सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिए जाने के निर्देश दिए थे। शासन की ओर से दिए गए आदेश में कहा गया कि स्कूलों में शिक्षक न होने की वजह से छात्र-छात्राओं के भविष्य पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
वहीं उत्तराखंड में NIOS डीएलएड अभ्यर्थियों की संख्या करीब 37000 है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों से हर साल 650 अभ्यर्थी दो साल का डीएलएड कोर्स कर निकल रहे हैं, जबकि डेढ़ लाख बीएड अभ्यर्थी हैं।
नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ हरिद्वार निवासी बीएड अभ्यर्थियों जयवीर सिंह, प्रियंका रानी, उमेश कुमारी, पंकज कुमार सैनी सुप्रीम कोर्ट गए हैं। याचिकाकर्ता प्रियंका रानी का कहना है कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सालिसिटर जनरल से पैरवी करवानी चाहिए।