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उच्च हिमालयी क्षेत्र में प्रशिक्षण के लिए निकला 58 पर्वतारोहियों का दल मंगलवार सुबह हिमस्खलन की चपेट में आ गया था। सूचना मिलते ही वायुसेना ने रेस्क्यू अभियान चलाकर 26 लोगों को बचा लिया और 28 लोग लापता थे। जबकि चार लोगों के शव निकाले जा सके। वहीं, आज फिर से रेस्क्यू अभियान चलाया गया है । इस दौरान निम के एक प्रशिक्षक समेत छह प्रशिक्षु पर्वतारोहियों को सुरक्षित निकाला गया। उन्हें मातली हेलीपैड से इलाज के लिए अस्पताल भेज दिया गया है। सभी की स्थिति सामान्य है। वहीं, 22 लोग अभी लापता हैं।

जिन 4 लोगों के शव निकाले जा चुके हैं उनमें 2 प्रशिक्षु और 2 महिला प्रशिक्षक शामिल है। इनमें नौ उत्तराखंड के हैं। जी हां बता देगी एससीआरएफ कि डीआईजी रिद्धिमा अग्रवाल द्वारा जानकारी दी गई है कि 2 मृतकों की पहचान नहीं हो पाई है लापता लोगों में हिमाचल प्रदेश के खिलाफ 38 कर्नल भी शामिल है अब बुधवार सुबह से बचाव अभियान चलाया जाएगा।

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आपको बता दें कि उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में 44 प्रशिक्षुओं, 8 प्रशिक्षकों समेत कुल 58 लोगों का दल 14 सितंबर को एडवांस माउंटेनियरिंग कोर्स के लिए निकला था। 25 सितंबर को यह दल डोकराणी बामक ग्लेशियर क्षेत्र में द्रौपदी का डंडा चोटी के बेस कैंप में पहुंचा। वहाँ से सभी चोटी के आरोहण के लिए 5670मीटर की ऊंचाई पर स्थित कैंप -1तक पहुंचे। मंगलवार को सुबह चार बजे यह दल द्रौपदी का डांडा चोटी (5771मी.)पर पहुंचा। लेकिन, कैंप -1में लौटते समय करीब 8.45 बजे दल भारी हिमस्खलन की चपेट में आ गया।

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