खबर उत्तराखंड से है जहाँ उत्तरकाशी के ज्ञाणजा गांव में शुक्रवार को फसल पर क्रॉप कटिंग प्रयोग होना था। इसके लिए डीएम जब स्थलीय निरीक्षण के लिए वहाँ पहुंचे तो वो भी हाथ में दराती लेके खुद फसल काटने लगे। उन्हें ऐसा करता देख वहाँ के लोग भी चौक गए।
जी हाँ, आपको बता दें की जिलाधिकारी अभिषेक रुहेला ने विकासखंड डुंडा के ज्ञाणजा गांव पहुँचकर मंडवा की फसल पर क्रॉप कटिंग प्रयोग का जायजा लिया। इस दौरान डीएम ने खुद भी हाथ में दरांती लेकर मंडवा की फसल काटी डीएम ने बताया है कि काश्तकार कमलेश भट्ट के खेत में 300 वर्ग मीटर के हिस्से में चार किलो 600 ग्राम मंडवा और कलम देय के खेत में 30 वर्ग मीटर हिस्से में सात किलो 300 ग्राम मंडवा की उपज प्राप्त हुई।
डीएम ने कहा कि आज दोनों काश्तकारों के खेतों में निर्धारित वर्ग मीटर में क्रॉप कटिंग की गई। उनका कहना है कि जमीन से जुड़कर काम करने पर ही किसी भी काम की सही स्थिती का पता लगाया जा सकता है। इसलिए आज उन्होंने भी क्रॉप कटिंग पर हाथ आजमाया। आपको बता दें कि मंडवा की समर्थन मूल्य पिछले वर्ष की तुलना में ₹2 बढ़ गया है पिछले वर्ष में मंडवा का समर्थन मूल्य ₹25 तय किया गया था, जो बढ़कर ₹27 हो गया है। जनपद में 4831 हेक्टेयर कृषि भूमि पर मंडवे की खेती की जाती है।
करीबन 7000 किसान इससे जुड़े हुए हैं। झंगोरा चौलाई व सोयाबीन के समर्थन मूल्य में कई बदलाव नहीं है। जिलाधिकारी अभिषेक रूहेला ने बताया कि जनपद में पारंपरिक फसलों का उत्पादन करीबन चार गुना बढ़ गया है। वर्ष 2021 से 22 ने मंडवा का उत्पादन 355.13 कुंतल झंगोरा 99.51 कुंतल चौलाई 1192 कुंतल व सोयाबीन नौ कुंतल उत्पादित हुआ था, जो वर्ष 2020 से 2021 की तुलना में चार गुना ज्यादा है। जिलाधिकारी रुहेला ने कहा कि पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने के लिए सरकार हरसंभव कोशिश कर रही है।