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देहरादून में शुक्रवार की रात करीब 8.30बजे शुरू हुई मूसलाधार बारिश शनिवार की सुबह 8.30बजे रुकी। लेकिन तबतक यह बारिश पिछले एक दशक का रिकॉर्ड तोड़ चुकी थी।पिछले 12 घंटे में ऋषिकेश में सबसे अधिक 290 मिमी तो सहस्रधारा में 230 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई है।

मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक देहरादून जिले में वर्ष 2012 में अगस्त में सबसे ज्यादा 190.3मिमी,2013 में 104मिमी,2014में 135.5मिमी,2018 में 127 मिमी, 2019 में 126 मिमी, 2020 में 109.2 मिमी और वर्ष 2021 में 90.2 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। पिछले 12 घंटों में नरेंद्रनगर में 190 मिमी और चोरगलिया में 160 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है।

बंगाल की खाड़ी में दबाव बनने और लो प्रेशर लाइन के उत्तराखंड पहुँचने की वजह से हुई तबाही

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक और वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक विक्रम सिंह द्वारा बताया गया की बंगाल की खाड़ी में निम्न दबाव का क्षेत्र बनने और लो प्रेशर लाइन के उत्तराखंड पहुंचने की वजह से ऐसी तबाही मची है।अच्छी बात यह रही की पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय नहीं है। अगर पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता तो और अधिक मूसलाधार बारिश होने के साथ ही आपदा आ सकती थी । उन्होंने बताया कि अगले चौबीस घंटे में बारिश से थोड़ी राहत मिलेगी।

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सरखेत में नहीं फटा था बादल

वहीं विक्रम सिंह ने बताया की सरखेत इलाके में बादल फटने जैसी कोई घटना नहीं हुई है।यहाँ पिछले 12घंटे के अंदर तीव्र बारिश के चलते तबाही का मंजर देखने को मिला है ।विक्रम सिंह के अनुसार जब किसी क्षेत्र में एक घंटे के अंदर 100मिलिमीटर बारिश होती है तो मौसम विज्ञान की भाषा में इसे बादल फटना कहते हैं।जबकि सरखेत में ऐसा कुछ नहीं हुआ है।


राज्य में कहाँ हुई कितनी बारिश

ऋषिकेश – 290 मिमी,मसूरी 140 मिमी ,चकराता- 100 मिमी,देहरादून – 50 मिमी,सहस्रधारा- 230 मिमी,रायवाला – 100 मिमी,करनपुर – 90 मिमी,सहसपुर – 70 मिमी,खटीमा -160मिमी, उत्तरकाशी -120मिमी,नरेन्द्रनगर -19मिमी,हरिद्वार – 100 मिमी,कालाडूंगी – 140 मिमी,बूढ़ाकेदार – 140 मिमी,नैनीताल-140 मिमी,काशीपुर – 140 मिमी,यमकेश्वर- 120 मिमी,चोरगलिया -160 मिमी

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