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उत्तराखंड में वन विभाग ने तैयार किया फॉरेस्ट फायर एप, जंगलों को आग से बचाएगा

फायर सीजन के दौरान धधकते जंगलों के कारण वन संपदा को करोड़ों का नुकसान पहुंचता है. इसके साथ ही पर्यावरण पर भी बुरा असर पड़ता है. प्राकृतिक जल स्त्रोत भी सूख जाते हैं और पानी के लिए हाहाकार मचना शुरू हो जाता है. इसके साथ ही जंगली जानवरों को भी नुकसान पहुंचता है. ऐसे में वन प्रभाग ने जंगलों को आग से बचाने के लिए फॉरेस्ट फायर रुद्रप्रयाग एप तैयार किया है. इस एप के जरिए वनों को आग से बचाया जाएगा. वन अग्नि नियंत्रण के लिए तकनीकी का प्रयोग करने वाला रुद्रप्रयाग वन प्रभाग प्रदेश में पहला प्रभाग है. एप को फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया (एफएसआई) से भी लिंक किया गया है. प्रभाग की सभी 7 रेंजों की गूगल मैपिंग करने के साथ ही वन कर्मियों के मोबाइल भी एप से जोड़े जा रहे हैं.

गौरतलब है कि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग 1,07,337.657 हेक्टेयर में फैला हुआ है. वन प्रभाग में खांकरा, रुद्रप्रयाग, अगस्त्यमुनि, उत्तरी जखोली, दक्षिणी जखोली और यूनिट गुप्तकाशी के 7 रेंज हैं. इन रेजों को कई बीट व कंपार्टमेंट में बांटा गया है, जिससे विभागीय कार्यों को संपादित करने में आसानी हो सके. साथ ही पहली बार प्रभाग के सभी रेंजों की गूगल मैपिंग कराई गई है. इसके तहत प्रत्येक रेंज में कितने और किस प्रकार के जंगल हैं, इसके बारे में एक क्लिक पर जानकारी मिल जाएगी.

खास बात यह है कि गूगल मैपिंग से वनाग्नि की दृष्टि से सबसे संवेदनशील क्षेत्रों को भी चिह्नित किया गया है. वनाग्नि की घटनाओं को कम से कम समय में नियंत्रित करने के लिए फॉरेस्ट फायर रुद्रप्रयाग एप बनाया गया है. एप और गूगल मैप को फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के फायर हॉट स्पॉट से लिंक किया गया है. साथ ही प्रभागीय कार्यालय में मास्टर कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. गूगल मैप के माध्यम से प्रत्येक सब-स्टेशन की लोकेशन समेत पूरे वन क्षेत्र को दर्शाया गया है.

फॉरेस्ट फायर रुद्रप्रयाग एप को मोबाइल पर डाउनलोड करना होगा. प्रभाग में जिस भी वन क्षेत्र में आग लगी होगी, वहां की फोटो खींचकर एप पर अपलोड करनी है. एप में फोटो लोड होते ही वनाग्नि प्रभावित क्षेत्र की लोकेशन मास्टर कंट्रोल रूप में लगी स्क्रीन पर प्रदर्शित हो जाएगी, जिससे कम से कम समय में टीम को मौके पर भेजा जा सकेगा.

एप के जरिए वनाग्नि नियंत्रण में वन कर्मियों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने वाले वाहनों की भी ट्रेसिंग होगी. प्रभागीय वनाधिकारी वन प्रभाग रुद्रप्रयाग वैभव कुमार सिंह ने बताया कि फायर सीजन में वनाग्नि की घटनाओं को त्वरित नियंत्रित करने के लिए फॉरेस्ट फायर रुद्रप्रयाग एप बनाया गया है. एप को फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया से लिंक किया गया है.

प्रभागीय कार्यालय के मास्टर कंट्रोल रूम में भी एप के जरिए प्रभावित क्षेत्र की सही जानकारी मिलेगी, जिससे समयबद्ध कार्रवाई हो सकेगी. पूरे प्रदेश में इस तकनीक का उपयोग करने वाला रुद्रप्रयाग पहला प्रभाग है. उन्होंने बताया कि फॉरेस्ट फायर रुद्रप्रयाग एप से वन पंचायत सरपंच, वन कर्मियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा जा रहा है.

ऐसे में फायर सीजन में प्रभाग के किसी भी रेंज के जंगलों में आग लगने की घटना की सूचना सीधे मास्टर कंट्रोल रूम को मिल जाएगी. साथ ही वन कर्मियों को अपने मोबाइल पर गूगल मैप से वनाग्नि प्रभावित क्षेत्र की सही लोकेशन का भी पता लग जाएगा.

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