पुलिस और आरोपितों के बीच साठगांठ की घटनाएं अक्सर चर्चा का विषय बनती रहती हैं। ताज़ा मामला रुड़की की गंगनहर कोतवाली का है, जहां तैनात वरिष्ठ उप निरीक्षक पर हत्या के आरोपित को हवालात में बंद करने के बजाय उसकी आवभगत करने का आरोप लगा है।
इस घटना ने पुलिस विभाग में हलचल मचा दी है।गुरुवार रात, गंगनहर कोतवाली पुलिस ने पनियाला रोड निवासी पेट्रोल पंप कारोबारी जोगेंद्र की हत्या के मामले में फरार चल रहे अर्जुन पंवार को गिरफ्तार किया था। अर्जुन पंवार को हवालात में डालने के बाद, वरिष्ठ उप निरीक्षक जहांगीर अली ने अपने प्रभाव का दुरुपयोग करते हुए उसे हवालात से निकालकर कुर्सी पर बैठा दिया। देर रात, एसएसपी प्रमेंद्र डोबाल शहर में कानून व्यवस्था का जायजा लेने निकले। विभिन्न थानों का निरीक्षण करते हुए जब वे गंगनहर कोतवाली पहुंचे, तो उन्होंने रजिस्टर आदि चेक करने के बाद एक कुर्सी पर बैठे शख्स के बारे में पूछताछ की।जब यह खुलासा हुआ कि वह शख्स हत्या का आरोपित है, तो एसएसपी गुस्से से आगबबूला हो गए। उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को जमकर फटकार लगाई।
पुलिसकर्मियों ने बताया कि वरिष्ठ उप निरीक्षक जहांगीर अली ने ही आरोपित को हवालात से निकालकर कुर्सी पर बिठाया है। इस पर एसएसपी ने तुरंत प्रभाव से वरिष्ठ उप निरीक्षक को लाइन हाजिर कर दिया और मामले की जांच के आदेश दिए।इस घटना ने अन्य थाना-चौकियों में भी हड़कंप मचा दिया है।
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यह मामला इसलिए भी गंभीर है क्योंकि पांच दिन पहले ही एसएसपी ने सिविल लाइंस कोतवाली के उप निरीक्षक आशीष भट्ट को एक महिला लेखपाल से अभद्रता और गालीगलौज करने पर निलंबित कर दिया था। अब यह देखना होगा कि जांच के बाद और किन-किन पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई होती है और क्या यह घटनाएं पुलिस विभाग की कार्यप्रणाली में सुधार ला पाती हैं।