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पूर्व डीजीपी बीएस सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम दिनों में ओल्ड मसूरी रोड पर वीरगिरवाली स्थित आरक्षित वन क्षेत्र की करीब नौ बीघा जमीन अपने नाम करा ली थी। इस भूमि पर साल प्रजाति के 25 पेड़ भी कटवा दिए गए थे। इस मामले में एसआईटी ने कोर्ट में सिद्धू समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है। आरोपों की पृष्ठभूमिबीएस सिद्धू पर आरोप है कि उन्होंने धोखाधड़ी के जरिए उक्त जमीन अपने नाम कराई थी। यह भूमि दो दशक पूर्व किसी नत्थूराम नाम के व्यक्ति के नाम पर दर्ज थी, लेकिन बाद में इसे आरक्षित वन क्षेत्र घोषित कर दिया गया था। आरोप है कि सिद्धू ने मेरठ जिले में नत्थूराम नाम के व्यक्ति की तलाश कर उसके फर्जी दस्तावेज बनवाए और उसे जमीन का मालिक दर्शाकर अपने नाम करा लिया।चार्जशीट का विवरणएसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि डीजीपी सिद्धू ने मेरठ जिले में नत्थूराम के फर्जी दस्तावेज बनवाकर जमीन अपने नाम कराई। असली नत्थूराम के बेटों ने अपर तहसीलदार कोर्ट से इस दाखिल खारिज के खिलाफ स्टे हासिल कर लिया था। जांच के दौरान डीजीपी सिद्धू सेवानिवृत्त हो गए और मामले की परतें खुलनी शुरू हुईं। पिछले साल अप्रैल में मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई थी।

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एसआईटी के पर्यवेक्षण में डीजीपी सिद्धू समेत पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई। इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई:- पूर्व डीजीपी बीरेंद्र सिंह सिद्धू निवासी उषा कॉलोनी, सहस्रधारा रोड।- रहमुद्दीन निवासी पटेलपुरी, कंकरखेड़ा, जिला मेरठ, यूपी।- हाजी रिजवान निवासी पटेलपुरी, कंकरखेड़ा, जिला मेरठ, यूपी।- सुभाष शर्मा निवासी किनौनी, सरधना जिला मेरठ यूपी।- स्मिता दीक्षित निवासी आरएन बाजार, तोपखाना मार्ग मेरठ, यूपी।एसआईटी ने करीब एक साल की जांच के बाद इन पांच आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, जबकि पांच अन्य के खिलाफ जांच जारी रहेगी।

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