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उत्तराखंड में टनकपुर-तवाघाट मार्ग के दोबाट में बीती रात हुई भारी बारिश के बाद मलबा आने से रास्ता बंद हो गया था। वहीं, मंगलवार सुबह दोबाट में फिर से भारी भूस्खलन हो गया। जिसके बाद सड़क बंद होने से दोनों ओर दर्जनों वाहन फंस गए। गनीमत रही कि भूस्खलन के दौरान वहां आवाजाही नहीं थी, वरना बड़ा हादसा हो सकता था। दोपहर में रास्ता खुलने पर लोगों ने राहत की सांस ली।


जी हाँ,राहगीर योगेश सिंह ने बताया की भारी बोल्डर और मलबा आने से दोबाट में सुबह सात बजे सड़क बंद हो गई थी। सड़क बंद होने से दारमा, व्यास और चौदास घाटी के दर्जनों वाहन और लोग वहां फंसे थे। जरूरी कार्य से तहसील कार्यालय आने वाले लोग जान जोखिम में रखकर पैदल आवाजाही करते रहे।


बता दें की सोमवार देर रात एनडीआरएफ को दोबाट में एक कार फंसने की सूचना मिली थी। जिसके बाद टीम वहां गई, लेकिन वहां कोई गाड़ी नहीं मिली। लौटते समय रास्ता बंद होने से एनडीआरएफ के 13 जवान भी रातभर वहां फंसे रहे।


वहीं मौके पर हिलवेज कंपनी की जेसीबी मशीन दोनों साइड से सड़क खोलने में लगी रही। हिलवेज के पीआरओ त्रिलोक सिंह दानू ने बताया कि सुबह से ही सड़क खोलने का कार्य किया जा रहा था। मौसम साफ होने पर दोपहर 12 बजे रास्ता खोल दिया गया।वहीं, बारिश के बाद पूर्णागिरि मार्ग पर भी मलबा आ गया। जिसके बाद बाटनागड़ क्षेत्र मलबे से पट गया है। जिसके चलते वाहनों को भी आवाजाही में काफी दिक्कतें उठानी पड़ रही हैं।

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उधर, मौसम विभाग ने उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के साथ ही मैदानी इलाकों में मंगलवार को बारिश और बिजली चमकने की संभावना जताई है। जबकि, देहरादून, नैनीताल और चम्पावत में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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