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उत्तराखंड के कोटद्वार से इस समय की खबर है जहाँ मालन पर पुल टूटने के बाद मौके पर पहुंची क्षेत्रीय विधायक ऋतु खंडूडी काफी आक्रोश में नजर आई।उन्होंने कॉल पर ही सचिव आपदा प्रबंधन की क्लास लगा डाली।हैलो, इज दैट मिस्टर सिन्हा(रंजीत सिन्हा, सचिव आपदा प्रबंधन) …मैं कोटद्वार विधायक बोल रही हूं ऋतु खंडूड़ी भूषण। सामने से नमस्कार की आवाज आई। इसके साथ ही विधायक खंडूड़ी का गुस्सा बढ़ता चला गया। उन्होंने तल्ख लहजे में बोला…हैलो…नमस्कार। आपने सुन ही लिया होगा कि मालन पर हमारा पुल टूटा है। इस पर आप अब क्या करने जा रहे हैं?


उन्होंने आगे कहा की आप ये जानते हैं कि हर बैठक, हर चिट्ठी में मैंने आपको कहा है कि पुलों के लिए आप कोई व्यवस्था करें। आपका ये कहना होता है कि मानक में नहीं बैठता है। अब कौन सी चीज मानक में बैठेगी, मुझे ये बताइए? कोटद्वार में मालन पुल टूटने के बाद मौके पर पहुंची विधायक ऋतु खंडूड़ी भूषण की अधिकारी से बातचीत की ये वीडियो सोशल मीडिया में जमकर वायरल हुई।


बता दें की फोन पर बातचीत के दौरान, क्षेत्रीय विधायक खंडूड़ी ने कहा कि, पिछले एक साल से मैं पीडब्ल्यू को पत्र भेजकर कह रही हूं कि पुल ठीक कंडीशन में नहीं हैं। यहां खनन हो रहा है। कुछ नहीं हुआ। हमने डीएम को लिखा, आपको लिखा, एस्टीमेंट भेजा लेकिन कुछ नहीं किया गया।


वहीं सामने से जो भी जवाब मिला तो उसके बाद विधायक बोली, साहब, पुल जिस कारण भी गिरा हो, हम तो आपसे दीवार मांग रहे थे न। हम तो आपसे मांग रहे थे कि उसको ठीक करके दीजिए। ईई के माध्यम से हमने 25 बार आप लोगों को लिखा है। मैंने खुद आपको लिखा है।


दिस इज वेरी अनफॉरच्यूनेट मिस्टर सिन्हा! कुछ नहीं किया गया। मैं इस पुल को तेजी से ठीक कराना चाहती हूं। भाभर से कोटद्वार कट गया है। आधी हमारी आबादी उस तरफ रह गई है। हर जरूरत के लिए उन्हें कोटद्वार आना पड़ता है। मैं जानना चाहती हूं कि कैसे होगा। आपदा में ये हुआ है। मैं कल देहरादून आ रही हूं। मैं आपके साथ बैठूंगी। मुझे तत्कालिक समाधान चाहिए।


बातचीत में विधायक बोलीं, मैं बहुत डिस्पॉइंट हूं। मैं एक साल से लगी हुई थी। हम लगातार आपको बता रहे थे। मरम्मत में है लेकिन हमने आपको आपदा में भी कहा था न भाई। हमारा तो पुल ढह गया ना। इसका मतलब चीजें नहीं हुई हैं। सामने से कोई जवाब आया तो फिर विधायक ने नाराजगी जताई।


आगे वे कहती नजर आई की मिस्टर सिन्हा! ब्लेमगेम बिटविन ऑफिसर इज योर प्रॉब्लम। मैं लोनिवि सचिव, मुख्य सचिव से बात करने जा रही हूं। ब्लेमगेम आपके विभाग में चल रहा है, मुझे इसकी कोई परवाह नहीं है। मैंने आपको इन्फार्म किया था। सबको किया था।

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विधायक बोली की मुख्य सचिव, लोनिवि सचिव से लेकर सबको चिट्ठियां भेजी गई हैं। अब ये आपका इश्यू है। किसका ब्लेम है, किसका गेम है, मुझे कोई मतलब नहीं है। सामने से कुछ जवाब मिला तो विधायक खंडूड़ी ने कहा कि हम कुछ नहीं कर सकते, जितना जल्दी हो इस पुल को दोबारा चालू किया जाए…कहकर फोन काट दिया।

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