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वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, उत्तराखंड और ओडिशा की राज्य सरकारों ने एक अनूठे प्रयास की शुरुआत की है। ओडिशा के प्रसिद्ध नंदनकानन चिड़ियाघर से एक दुर्लभ सफेद बाघ को उत्तराखंड के देहरादून चिड़ियाघर में स्थानांतरित किया जाएगा। यह सफेद बाघ, जो विश्वभर में अपनी दुर्लभता के लिए जाना जाता है, न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए बल्कि जैव विविधता के संरक्षण में भी एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगा।

सफेद बाघ एक जेनेटिक विचलन के कारण सफेद होते हैं, जिसे ल्यूसिज़्म कहा जाता है, जो उनके फर को उनके सामान्य नारंगी रंग की जगह सफेद रंग देता है। ये बाघ मुख्यतः भारतीय उपमहाद्वीप में पाए जाते हैं और विश्वभर में इनकी आबादी महज 200 के आसपास है। भारत में इनकी संख्या लगभग 100 के करीब है, जिसमें बड़ी संख्या में इन्हें विभिन्न चिड़ियाघरों में संरक्षित किया गया है।

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इस अद्वितीय पहल के तहत, सफेद बाघ के बदले में उत्तराखंड से चार तेंदुए नंदनकानन चिड़ियाघर को भेजे जाएंगे। इस प्रकार का वन्यजीव विनिमय दोनों राज्यों के बीच जैव विविधता के संरक्षण और वन्यजीव प्रजनन कार्यक्रमों को मजबूती प्रदान करेगा। इस पहल से जुड़ी प्रक्रियाओं को अंतिम रूप देने के लिए वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम जल्द ही ओडिशा का दौरा करेगी।

यह वन्यजीव विनिमय कार्यक्रम न केवल विलुप्तप्रायः प्रजातियों के संरक्षण की दिशा में एक कदम है, बल्कि यह सामाजिक जागरूकता बढ़ाने और पर्यटन को बढ़ावा देने का भी एक माध्यम बनेगा।

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