बड़ी खबर उत्तराखंड के रामनगर में 28 से 30 मार्च तक चलने वाली जी-20 समिट आज मंगलवार से शुरू हो जाएगी। समिट में आने वाले मेहमानों के स्वागत के लिए रामनगर तैयार है। प्रशासन ने उनकी सुरक्षा समेत सभी तैयारियां पूरी कर लीं हैं। मेहमान कड़ी सुरक्षा के बीच रामनगर पहुंचेंगे। सूत्रों के अनुसार 36 विदेशी और 20 भारतीय सहित कुल 66 मेहमान रामनगर जी-20 समिट में शामिल होने के लिए आ रहे हैं।
आपको बता दें की 28 मार्च शाम चार बजे तक विदेशी डेलीगेट रामनगर पहुंचेंगे। विदेशी मेहमानों के ठहरने की व्यवस्था प्रशासन की ओर से ढिकुली के ताज रिजॉर्ट में की गई है। सोमवार को पंतनगर एयरपोर्ट से लेकर रामनगर ढिकुली तक विदेशी मेहमानों के आगमन का रिहर्सल प्रशासन की ओर से किया गया। इस दौरान जहां खामियां मिलीं, उन्हें दूर किया गया।
दरअसल,दिनभर तैयारियों को अंतिम रूप देने में डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल, एसएसपी पंकज भट्ट आदि अधिकारी जुटे रहे। सीआईडी, आईबी, स्पेशल ब्रांच, एलआईयू की टीम भी अलर्ट रही और विदेशी मेहमानों के रूट पर पुलिस कर्मियों की तैनाती कर दी गई है।
रामनगर के आमडंडा से लेकर ढिकुली तक वन क्षेत्र होने के चलते नेटवर्क की समस्या रहती है। विदेशी मेहमानों के आगमन को देखते हुए नेटवर्क की समस्या ना हो इसके लिए प्रशासन ने वैकल्पिक टॉवर लगा दिए हैं। इन टॉवर को पेड़ों पर लगाया गया है, ताकि नेटवर्क की समस्या से विदेशी मेहमानों को न जूझना पड़े।
विदेशी मेहमानों के स्वागत के लिए रामनगर को सजाया गया है। कोसी बैराज से रामनगर डिग्री कॉलेज के सामने तक, लखनपुर से लोनिवि गेस्ट हाउस तक जगह-जगह सड़क पर विभिन्न प्रजाति के पौधों वाले गमलों को रखा गया है।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (जी-20) एक अंतर सरकारी मंच है। इसमें 20 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम, संयुक्त राज्य अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल होंगे। वहीं मित्र देश बांग्लादेश, मिस्र, मॉरीशस, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, सिंगापुर, स्पेन और संयुक्त अरब अमीरात के डेलीगेट भी शामिल होंगे।
केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने बताया कि समिट में विश्व की 13 संस्थाएं भी हिस्सा लेंगी। इसमें संयुक्त राष्ट्र (यूएन), अंतरराष्ट्रीय मु्द्रा कोष (आईएमएफ), विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ), विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ), विश्व श्रम संगठन (आईएलओ), वित्तीय स्थिरता बोर्ड (एफएसबी), एटीडी (एशियाई विकास बैंक), ओईसीडी (ऑर्गनाइजेशन फॉर इकोनॉमिक कॉरपोरेशन एंड डेवलपमेंट), एयू चेयर (अफ्रीकन यूनियन), नेपाड चेयर (न्यू पाटर्नरशिप फॉर अफ्रीकन डिपार्टमेंट), एशियन चेयर (एसोसिएट ऑफ साउथ एशिया नेशन), आईएसए (इंटरनेशनल सोलर एलायंस), सीडीआरआई (कोलेशन फॉर डिजाइटर रिजलिंट इनफारट्रेक्चर) शामिल हैं।
इन बिंदुओं को दी जाएगी प्राथमिकता
हरित, विकास, जलवायु वित्त और लाइफ।
त्वरित, समावेशी और लचीला विकास।
एसडीजी (सबस्टेनिबल डवलपमें गोल्स) पर प्रगति में तेजी लाना।
तकनीकी परिवर्तन और डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना।
21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान।
महिलाओं के नेतृत्व में विकास।