इन दिनों विधानसभा में हुई भर्तियों को लेकर मामला गर्म है। इसी बीच अब कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य का एक पुराना पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस पत्र में वो चार लोगों को अपने विभाग में नौकरी देने की सिफारिश कर रही हैं। वहीं इस समय इस पत्र का वायरल होना यह साबित कर रहा है कि जिन मंत्रियों और रसूखदार लोगों ने नौकरियों के लिए अपने करीबियों को तरजीह दी है, उनसे जुड़े सभी नए और पुराने मामले हर स्तर पर उजागर किए जा रहे हैं।
सिफारिशें ही हैं उत्तराखंड में बेरोजगारी का कारण
आपको बता दें की उत्तराखंड में जो बेरोजगार है उनके बेरोजगार होने का कारण यही सिफारिशें हैं। जो कि उनके रास्ते में रोड़ा बनी हुई हैं। विधानसभा में सिफारिशों पर करीबियों को नौकरी देने का मामला अभी थमा भी नहीं है की रेखा आर्य का एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।इस पत्र में रेखा आर्य चार लोगों को अपने विभाग में नौकरी देने की सिफारिश कर रही हैं।
बता दें की मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दरबार से लेकर मंत्रियों तक सिफारिशी पत्रों का ऐसा जमावड़ा लगा हुआ है जो की बेरोज़गार और काबिल लोगों की नौकरियों पर डाका डाल रहा है।उत्तराखंड विधानसभा में वीवीआईपी लोगों के करीबियों को नौकरी देने के मामले ने इस बात को साबित किया है।
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वायरल पत्र में चार शिक्षित बेरोजगार लोगों को नौकरी देने की करी गई सिफारिश
सोशल मीडिया में वायरल हो रहे रेखा आर्य के इस पत्र में उत्तरकाशी निवासी सुरेंद्र सिंह, गजेंद्र सिंह, पंकज रावत और आकाश राणा को नौकरी देने की सिफारिश की गई है।पत्र में लिखा गया है कि संबंधित चार शिक्षित बेरोजगार लोगों को विभाग में जहां भी आवश्यकता हो उन्हें तत्काल समायोजित किया जाए।मंत्री रेखा आर्य की तरफ से यह पत्र पशुपालन और मत्स्य विभाग के सचिव को भेजा गया है। मंत्रियों का कुछ लोगों को लेकर इस तरह का रवैया ही बेरोजगारों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। बिना परीक्षाओं के ही नौकरी देने की इस परंपरा ने उन बेरोजगार युवाओं के लिए मुश्किलें बढ़ाई हैं जो सालों साल तक कोचिंग और ट्यूशन के साथ घर में घंटों पढ़ाई करके नौकरी पाने का सपना देखते हैं।