खबर उत्तराखंड से है जहाँ केदारनाथ से दर्शन करने के बाद छह यात्रियों को लेकर गुप्तकाशी (मस्ता) आ रहा आर्यन हेली कंपनी का हेलीकॉप्टर घने कोहरे के बीच पहाड़ी से टकराया और क्रैश हो गया था। जी हाँ बता दें की हेलीपैड से टेकऑफ करते ही दो मिनट बाद यह हादसा हो गया।
जानकारी के अनुसार,इस हादसे में पायलट के साथ सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतक महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु राज्य के रहने वाले हैं। वहीं मृतकों में चार महिलाएं शामिल हैं। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, डीडीआरएफ और पुलिस ने रेस्क्यू कर शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
वहीं हेलीकॉप्टर के पायलट अनिल कुमार (57) निवासी महाराष्ट्र ने मंगलवार को हादसे से एक दिन पहले सोमवार को अपनी पत्नी से आखिरी बात की थी और इस बातचीत में उन्होंने अपनी बेटी के लिए चिंता जताई थी। पायलट की पत्नी ने बताया कि अनिल ने फोन पर हुई आखिरी बात में बेटी के प्रति चिंता क्यों जताई थी।पायलट अनिल सिंह के आखिरी शब्द अपनी बेटी के लिए थे। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा कि मेरी बेटी की तबीयत ठीक नहीं है। उसका ध्यान रखना।
वहीं मंगलवार को महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु के छह यात्रियों ने केदारनाथ के दर्शन किए। दर्शन करने के बाद सभी को हेलीकॉप्टर से लौटना था। पूर्वाह्न लगभग 11 बजकर 34 मिनट पर आर्यन कंपनी के हेलीकॉप्टर ने छह यात्रियों को लेकर केदारनाथ से वापस गुप्तकाशी (मस्ता) के लिए उड़ान भरी लेकिन गरूड़चट्टी देवदर्शनी में घने कोहरे के बीच हेलीकॉप्टर के पायलट को सही दिशा नहीं दिखाई दी और 11 बजकर 36 मिनट पर हेलीकॉप्टर अचानक पहाड़ी से टकरा गया और क्रैश होकर जमीन पर जा गिरा।
बता दें की हादसे में पायलट सहित सभी सात यात्रियों की मौके पर ही मौत हो गई। हेलीकॉप्टर दो हिस्सों में टूट गया और एक हिस्सा धू-धूकर जलने लगा। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि हादसे में हेलीकॉप्टर के पायलट अनिल कुमार (57) निवासी महाराष्ट्र सहित यात्री उर्वी बरार (25), कुर्ती बरार (30) व पूर्वा रामानुज (26) निवासी गुजरात, प्रेम कुमार वी (63), सुजाता (56) और कला (60) निवासी तमिलनाडु की मौके पर ही मौत हो गई। सभी शवों को रेस्क्यू कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए गए हैं।
जानकारी के लिए बता दें की केदारनाथ में मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि खराब मौसम और घाटी में छाया घना कोहरा दुर्घटना का कारण बना। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्टर के केदारनाथ एमआई-26 हेलीपैड से मस्ता के लिए उड़ान भरने से पहले ही मौसम खराब होने लगा था। इसके बाद भी पायलट ने हेलीकॉप्टर उड़ान का जोखिम लिया।