त्तराखंड के निवासियों के अब परिवार पहचान पत्र बनेंगे। जी हाँ, मुख्य सचिव डा.एसएस संधु ने अधिकारियों को परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड योजना पर जल्द काम शुरू करने के निर्देश दिए। सचिवालय में हुई बैठक में सीएस ने कहा कि इसमें विभिन्न प्रमाण पत्रों का डाटा होगा।
आपको बता दें की मुख्य सचिव ने कहा कि योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए सभी विभाग आपसी सहयोग से सभी तरह का डाटा जुटा लें। किस विभाग से कौन सा डाटा चाहिए अगले दो से तीन दिन में इसका फॉर्मेट तैयार कर सभी विभागों से मांग लिया जाए। परिवार पहचान पत्र के सफल क्रियान्वयन एवं उद्देश्यों को पूरा करने के लिए विभिन्न विभागों के डेटाबेस को जोड़ने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने विभागीय डाटा उपलब्ध कराने के लिए विभागों को नोडल अधिकारी नियुक्त करने के भी निर्देश दिए।
वहीं मुख्य सचिव का कहना है कि जिन विभागों को डाटा कलेक्शन करना है, आपसी सहयोग से मिलकर सभी तरह का डाटा कलेक्ट करें। उन्होंने डाटा कलेक्शन के लिए हर स्तर पर समय तय करने के साथ ही सर्वे से पहले फॉर्मेट तैयार करने की भी बात कही । इसके लिए समर्पित सेल बनाए जाने के साथ ही पर्याप्त मैनपावर की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि डाटा कलेक्शन में गलतियों की कोई गुंजाइश न रहे इसके लिए लगातार मॉनिटरिंग की जाए। फील्ड लेवल पर औचक निरीक्षण किए जाएं। अपर सचिव नियोजन रोहित मीणा ने बताया कि परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड योजना, उत्तराखंड के निवासियों को विभिन्न प्रमाण पत्रों एवं लाभार्थी परक योजनाओं में ईज ऑफ लिविंग में सहायक होगी।
बता दें की इससे जाति, आय, निवास या दिव्यांग पहचान पत्र की अलग से आवश्यकता नहीं होगी। इसका संपूर्ण डाटा परिवार पहचान पत्र उत्तराखंड में उपलब्ध रहेगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल. फैनाई, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, नितेश झा, वीवीआरसी. पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, रविनाथ रमन एवं डॉ. आर राजेश कुमार आदि मौजूद रहे।