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जलभराव और उमस वाली गर्मी के चलते आई फ्लू तेजी से अपने पैर पसार रहा है।अकेले रुड़की के सिविल अस्पताल में 30 से 40 मरीज आई फ्लू की समस्या लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं दूसरी ओर निजी अस्पतालों में भी भीड़ है। लोग बिना डॉक्टर से सलाह लिए स्टेरॉयड तक का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसके कारण आंखों की रोशनी भी जा सकती है।


बता दें कि हालात कुछ इस कदर हो चुके हैं कि शिक्षा विभाग को एडवाइजरी तक जारी करनी पड़ी है। जिसमें उन्होंने अभिभावकों को सलाह दी है कि यदि आपका बच्चा आई फ्लू से पीड़ित है तो उसे स्कूल न भेजा जाए।साथ ही शिक्षकों के लिए भी कहा गया है कि यदि ऐसा कोई बच्चा है तो उसको वापस भेज दे।


डॉक्टरों के अनुसार जिस तरह का मौसम अभी बना हुआ है उससे आई फ्लू का प्रकोप दूर -दूर तक काम होता नहीं दिखाई दे रहा है।रुड़की सिविल अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. रामजेश पांडे ने बताया कि यह उमस भरी गर्मी से होता है। इसके अलावा यह दूषित पानी की वजह से भी होता है। उन्होंने बताया कि कुछ मरीज मेडिकल स्टोर से स्टेरॉयड ड्रॉप लेकर आंखों में डाल रहे हैं जोकि गलत है। इससे आंखों की रोशनी तक जा सकती है।

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उन्होंने बताया की इसको पूरी तरह से ठीक होने में कम से कम दो सप्ताह का समय लगता है। इसलिए आंखों में यदि कीचड़ आए, लाल हो जाए और सूजन हो तो तुरंत चिकित्सक की सलाह से ही उपचार करें। संक्रमण होने पर चश्मा पहने, आंखों को ठंडे पानी से धोए और तौलियां हमेशा साथ में रखे। चिकित्सकों ने कहा कि इस भयानक रूप से फैल रहे आई फ्लू से अपने बच्चों को बचा कर रखें।

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