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खेल मंत्री अरविंद पांडे ने वंदना कटारिया राष्ट्रीय हॉकी स्टेडियम का किया उद्घाटन

हरिद्वार: नवनिर्मित नेशनल हॉकी स्टेडियम अब टोक्यो ओलंपिक की ‘हैट्रिक गर्ल’ वंदना कटारिया के नाम से जाना जाएगा. जिसका लोकार्पण मंगलवार को खेल मंत्री अरविंद पांडे ने किया. खेल मंत्री अरविंद पांडेय द्वारा स्टेडियम के अंदर बन रहे बहुउद्देशीय क्रीड़ा हॉल का शिलान्यास भी किया गया, जिसको 17 करोड़ के लागत से बनाया गया है. गौरतलब है कि हरिद्वार के रोशनाबाद गांव निवासी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में हॉकी में गोल की हैट्रिक लगाकर इतिहास रचा है. ऐसा करने वाली वह पहली भारतीय महिला है. इसके बाद उन्हें अर्जुन अवॉर्ड से भी पुरस्कृत किया जा चुका है.

अब उनके गांव का स्टेडियम भी उन्हीं के नाम से जाना जाएगा. खिलाड़ियों को बढ़ावाः इस दौरान कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडे ने खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि इस तरह के स्टेडियम बनाना कोई बड़ा काम नहीं है. लेकिन इन तरह के स्टेडियमों से ऐसे खिलाड़ी विकसित होंगे जो आने वाले समय में राज्य और देश का नाम रोशन करेंगे. इसी क्षेत्र की बेटी वंदना कटारिया ने टोक्यो ओलंपिक में अपना अव्वल प्रदर्शन कर राज्य का ही नहीं, बल्कि देश का नाम रोशन किया है. हमारी सरकार का भी दायित्व है कि जो बच्चे खेलों में आगे बढ़ना चाहते हैं, उनका हौसला बढ़ाएं और उनको सुविधाएं उपलब्ध कराएं. नई खेल नीति से मिलेगी मददः उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में खिलाड़ियों के लिए ऐसे स्टेडियम बनाए गए हैं और इन स्टेडियमों का नाम उन खिलाड़ियों के नाम पर रखा गया है,

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जिन्होंने प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का नाम भी रोशन किया है. हमारे द्वारा प्रदेश में बनाई गई खेल नीति से सरकार उन खिलाड़ियों के साथ हर समय खड़ी है. उन्होंने कहा कि आज इस मंच से उन सभी खिलाड़ियों को कहना चाहूंगा जो खेलना चाहते हैं और किसी कारण उन्हें कोई न कोई समस्या का सामना करना पड़ रहा है. मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे द्वारा बनाई गई खेल नीति से उन सभी को मदद मिलेगी. वंदना कटारिया के बारे में बोलते हुए अरविंद पांडे ने कहा कि एक छोटे से गांव से उठकर वंदना कटारिया आज देश का नाम रोशन कर रही है. गरीब घर में पैदा होने के बावजूद उन्होंने अपने संघर्ष से आज देश ही नहीं,

बल्कि दुनिया में अपना नाम रोशन किया है. उनके त्याग, तपस्या, संघर्ष को शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता. इसलिए हमने इस स्टेडियम को वंदना कटारिया के नाम से रखने का मन बनाया और हम उम्मीद करते हैं कि आने वाले समय में वंदना कटारिया जैसी और भी बेटियां देश का नाम रोशन करेंगी.

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