बड़ी खबर वस्तु एवं माल कर (जीएसटी) संग्रहण में उत्तराखंड की वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से अधिक आंकी गई है। राज्य ने पिछले साल की तुलना में इस साल जून माह में जीएसटी संग्रहण में 19 प्रतिशत की वृद्धि की है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर वृद्धि दर 18 प्रतिशत रही। केंद्र सरकार ने आईजीएसटी सेटेलमेंट के तहत राज्य को जून माह में 221 करोड़ राशि मिली है।
जी हाँ,उत्तराखंड में लगभग दो लाख व्यापारी व फर्मे जीएसटी में पंजीकृत हैं। प्रदेश सरकार का जीएसटी संग्रहण से राजस्व बढ़ाने पर फोकस है। इसके लिए टैक्स चोरी करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। जीएसटी परिषद की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक उत्तराखंड ने पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में इस बार जून माह में जीएसटी संग्रहण में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी की है।
आपको बता दें की वित्तीय वर्ष 2022-23 में जून माह में राज्य ने कुल 1280.92 करोड़ का टैक्स संग्रहण किया था। जबकि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 में जून माह में 1522.55 करोड़ का टैक्स संग्रहण हुआ है। केंद्र सरकार ने उत्तराखंड को जून माह में आईजीएसटी सेटेलमेंट की 221.64 करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। जबकि बीते वर्ष यह राशि 167 करोड़ रुपये थी।
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दरअसल,केंद्र सरकार ने जून 2022 में जीएसटी प्रतिपूर्ति की व्यवस्था समाप्त कर दी थी। इससे राज्य को सालाना 5000 करोड़ का राजस्व नुकसान हो रहा है। राज्य कर विभाग के अपर आयुक्त अनिल सिंह का कहना है कि जीएसटी परिषद ने मासिक कर संग्रहण की रिपोर्ट जारी की है। जिसमें उत्तराखंड की कर संग्रहण दर में 19 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जो राष्ट्रीय औसत दर से अधिक है।