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खबर उत्तराखंड से है। बता दें की चीन सीमा क्षेत्र के नीती घाटी को यातायात से जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे पर सलधार में बृहस्पतिवार को वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है।लेकिन यहां अभी भी मलबा और बोल्डर सड़क पर अटके हैं। इससे कभी भी दोबारा हाईवे बाधित हो सकता है। मार्ग खुलने के बाद सेना के साथ ही स्थानीय लोगों के वाहनों की आवाजाही सुचारु हो पाई।


आपको बता दें की 10 अक्तूबर को सलधार के पास मलारी हाईवे पहाड़ी से मलबा आने से बाधित हो गया था। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से तब से मलबे को हटाया जा रहा था। स्थानीय लोगों का कहना है कि बीआरओ के पास पर्याप्त मशीनें होने के बाद भी हाईवे को खोलने में चार दिन का समय लग गया जबकि यह मार्ग सामरिक दृष्टि से काफ़ी महत्वपूर्ण है।

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वहीं लक्ष्मण सिंह बुटोला, पूरन सिंह और संग्राम सिंह ने मलारी हाईवे पर मशीनों व मजदूरों की पर्याप्त व्यवस्था रखने की मांग की है। उनका कहना है कि हाईवे बार-बार बाधित होने से सेना के साथ-साथ स्थानीय लोगों को दिक्कत होती है।

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