भीषण अग्निकांड में दो बेटियों को खोने वाले पिता विकेश पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। उन्होंने बिलखते हुए कहा कि मेरी दोनों बेटियां चलीं गई। अब जीकर क्या करूंगा। लोग उन्हें ढांढस बंधा रहे हैं। अग्निकांड तीन सगी बहनों के परिवारों को जीवन भर का जख्म दे गया।
जी हाँ,बेटियों को खोने के गम में तीनों के परिजन गहरे सदमे में हैं। सभी का रो-रोकर बुरा हाल है। इस हृदय विदारक घटना से पल भर में ही तीनों परिवारों की दुनिया उजड़ गई। अग्निकांड की भेंट चढ़ी चारों बच्चियों की मां सगी बहनें थी। घटना से भाटगढ़ी निवासी विकेश पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। विकेश खेतीबाड़ी करता है।
दरअसल,उनकी दो बेटियां थीं। अग्निकांड का शिकार हुईं दोनों बेटियां अधिरा (5) और ढाई साल की सैजल थीं। बेटियों की पढ़ाई के लिए विकेश ने त्यूनी गूंडा गांव में किराए में कमरा लिया था। यहां दोनों बेटियां मां कुसुम के साथ रहती थीं। हादसे में कुसुम भी झुलस गई थी। जिसका इलाज हिमाचल के रोहड़ू में चल रहा है।
बता दें की कुसुम दोनों बेटियों को लेकर अपनी बहन पूनम के यहां गई हुई थीं। जहां हादसा हुआ।पूनम की नौ वर्षीय पुत्री सोनम भी अग्निकांड का शिकार हो गईं।सोनम दिव्यांग थी। वह दो भाई बहनों में बड़ी थी। उसके पिता त्रिलोक ड्राइवर हैं। वहीं हादसे का शिकार हुई समृद्धि (9) उर्फ रिद्धी पढ़ाई के लिए त्यूनी में अपनी मौसी पूनम के यहां रह रही थी।
चार दिन पहले ही अपने गांव विकटाड़ तहसील चौपाल हिमाचल प्रदेश से लौटी थी। उसके पिता जयलाल गांव में खेती करते हैं। समृद्धि दो भाई बहनों में छोटी थी। प्राथमिक स्कूल त्यूनी (प्रथम) में चौथी में पढ़ती थी।