देहरादून: दिवंगत नेवी ऑफिसर की करोड़ों की प्रॉपर्टी को बंदूक की दम पर कब्जाने वाली घटना को डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत गया है लेकिन मुख्य अभियुक्त अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं. ऐसे में पुलिस की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं. अब इस केस में पीड़ित पक्ष की गुहार पर पुलिस मुख्यालय द्वारा दो आईपीएस अधिकारियों के नेतृत्व में SIT का गठन किया गया है ताकि जल्द से जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जा सके.
बता दें, देहरादून के थाना क्लेमेंट टाउन क्षेत्र की इस घटना को डेढ़ महीने से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन पुलिस की पकड़ से मुख्य आरोपी पकड़ से बाहर हैं, जबकि पुलिस अन्य 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रही है. ऐसे में मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने एसआईटी का गठन किया है, जिसमें दो आईपीएस अधिकारियों को शामिल किया गया है. एसआईटी में एसपी ट्रैफिक IPS अक्षय कोड़े और हरिद्वार IPS रेखा यादव समेत तीन अधिकारी शामिल हैं. यह भी पढ़े – देहरादून की मॉडल ने युवक पर लगाया शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने का आरोप, मुकदमा दर्ज
इस मामले में दिवंगत नेवी ऑफिसर वीके कपूर की 70 वर्षीय पत्नी कुसुम कपूर ने पुलिस मुख्यालय को प्रार्थना पत्र दिया था, जिसमें गुहार लगाई थी कि उनकी प्रॉपर्टी कब्जाने वाले मुख्य आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से उनकी जान माल को लगातार खतरा बना हुआ है, जिसके बाद डीजीपी अशोक कुमार ने एसआईटी का गठन किया है, जिसमें दो आईपीएस अधिकारियों को भी शामिल किया
एसआईटी गठन के पश्चात गुरुवार को डीआईजी गढ़वाल करण सिंह नगन्याल संबंधित अधिकारियों के साथ सुभाष नगर स्थित घटनास्थल पर निरीक्षण के लिए पहुंचे, जहां 12 जनवरी, 2022 को हथियारों के दम पर दर्जनों आरोपियों द्वारा हेरिटेज बिल्डिंग गिराकर कब्जाने का प्रयास किया गया था. डीआईजी गढ़वाल इस मामले में घटनास्थल की फोटोग्राफ कराने के साथ ही पीड़ित पक्ष कुसुम कपूर और उनके बेटे प्रीति खट्टर से पूरे घटनाक्रम के बारे में पूछताछ कर मामले की गंभीरता को समझने का प्रयास किया.