Demo

बड़ी खबर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं में संविदा,आउटसोर्स एवं अन्य माध्यमों से कार्यरत कर्मचारियों की विभाग ने सेवाएं समाप्त कर दी हैं। जी हां बता दें कि विभाग के उप निदेशक एसके सिंह की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि केंद्र की ओर से महिला सशक्तिकरण सुरक्षा व बचाव के लिए अंब्रेला मिशन शक्ति की शुरुआत की गई है केंद्र ने इस संबंध में नए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं जिन्हें देखते हुए यह निर्णय लिया गया है।


आपको बता दें कि उपनिदेशक की ओर से जारी आदेश में कहा गया कि केंद्र सरकार की पहले से चलाई जा रही योजनाएं वन स्टॉप सेंटर,राष्ट्रीय महिला हेल्पलाइन,बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,उज्जवला कामकाजी महिला छात्रावास,प्रधानमंत्री वंदना योजना समेत विभिन्न योजनाओं के लिए मानव संसाधन आउटसोर्स संविदा एवं अन्य माध्यमों से कार्यरत हैं। वह इस मामले में यह निर्णय लिया गया है कि इन योजनाओं में कार्यरत कर्मचारियों की 30 नवंबर 2022 तक की स्वीकृति मान्य होगी इनकी इस तिथि के बाद सेवाएं नहीं ली जाएंगी।

यह भी पढ़े -*राजपूर रोड पर स्थित साई ग्रुप ऑफ इन्स्टीट्यूशन्स में फ्रेशर्स पार्टी के कार्यक्रम का हुआ आयोजन, अनेक रंगारंग कार्यक्रमों पर थिरके छात्र -छात्राएँ, चेयरपर्सन हरीश अरोरा समेत शिक्षक रहे मौजूद*


आपको बता दें कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग से हटाए गए संविदा एवं आउटसोर्स कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा था कि आउटसोर्स कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए यह सब किया गया है। एक साजिश के तहत उन्हें हटाया गया है। केंद्र सरकार की ओर से इस तरह के कोई दिशा-निर्देश नहीं है। उन्होंने कहा कि कोई योजना 5 साल के लिए चलाई जाती है जिसकी अवधि बढ़ाई जा सकती है लेकिन इससे पहले ही उन्हें हटाया जा रहा है।


वही हरिचंद सेमवाल सचिव महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग का कहना है कि केंद्र सरकार की ओर से योजनाओं को नया रूप दिया गया है जिसके तहत नए सिरे से कर्मचारियों की तैनाती की जाएगी।

Share.
Leave A Reply