- जिला प्रशासन की ओर से सब्जियों की मूल्य सूची सोशल मीडिया पर प्रसारित करने की शुरुआत की गई, लेकिन बाजार में इस सूची से 30 से 50 प्रतिशत ज्यादा दामों पर सब्जियां बिकीं.
- जिसके बाद बृहस्पतिवार को डीएम के निर्देश पर टीमें सब्जी मंडी में उतरी और दुकानों पर छापा मारा.
- इस कार्रवाई से मुनाफाखोरी पर तो पूरी तरह लगाम नहीं लगी, लेकिन सब्जियों के दाम में गिरावट दर्ज की गई.
- बुधवार को 120 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर बृहस्पतिवार को 80 से 100 रुपये किलो बिका, जबकि 320 रुपये किलो बिक रहा अदरक 240 रुपये किलो पर पहुंच गया.
- जिला प्रशासन का कहना है कि टीमें लगातार कार्रवाई जारी रखेंगी.
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गौरतलब हो कि सब्जी की बिक्री में मुनाफाखोरी का खेल बड़े पैमाने पर चल रहा है. जिला प्रशासन मंडी समिति के थोक व फुटकर के रेट जारी कर रही है. यह वह रेट लिस्ट है, जिस पर सब्जी विक्रेता सब्जी खरीद रहे हैं. लेकिन, फुटकर में विक्रेता और मुनाफाखोर 30 से 50 फीसदी अधिक दाम पर सब्जी बेचते रहे. जिसके बाद प्रशासन छापा मारने के लिए टीमें मंडियों में उतारी.
प्रशासन की इस कार्रवाई से लोगों को राहत मिली है और सब्जियों के दाम में गिरावट आई है. लेकिन, यह जरूरी है कि प्रशासन लगातार इस पर नजर रखे और मुनाफाखोरों पर सख्त कार्रवाई करे. ताकि लोगों को महंगी सब्जियों से छुटकारा मिल सके.