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ऋषिकेश में स्थित महर्षि महेश योगी के आश्रम, जिसे चौरासी कुटिया के नाम से जाना जाता है, को अब पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की योजना पर काम शुरू हो गया है। इस ऐतिहासिक आश्रम में 1968 में इंग्लैंड के प्रसिद्ध बैंड ‘बीटल्स’ के चार सदस्यों ने ध्यान और योग किया था। यह आश्रम 7.5 हेक्टेयर भूमि पर फैला हुआ है और इसमें 140 गुंबदनुमा कुटिया तथा 84 ध्यान योग कुटिया हैं। हालांकि, वर्ष 2000 में वन विभाग ने इस आश्रम का अधिग्रहण किया था, लेकिन देखरेख के अभाव में यह धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील हो गया। वर्तमान में आश्रम की संरचनाएं जर्जर हो चुकी हैं और यहां घास और झाड़ियां उग आई हैं। अब, उत्तराखंड सरकार इस ऐतिहासिक स्थल को पर्यटन के लिए विकसित करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। पर्यटन विभाग द्वारा कंसल्टेंट की मदद से इस परियोजना के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जा रही है। वन विभाग की सहमति के बाद इस क्षेत्र में पर्यटन विकास कार्य आरंभ होंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि अधिकारियों को जल्द से जल्द डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इस ऐतिहासिक स्थल को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख पर्यटन आकर्षण के रूप में स्थापित किया जा सके। चौरासी कुटिया के पुनरुद्धार के बाद यह न केवल आध्यात्मिक साधकों के लिए, बल्कि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों के लिए भी एक प्रमुख आकर्षण बनेगा।

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