Top Points-
- यशपाल तोमर के पुराने एक और कारनामे की एसटीएफ ने खोली पोल।
- यशपाल तोमर और उसके सहयोगियों के पुराने कारनामे एसटीएफ की रडार पर।
- यशपाल तोमर व उसके सहयोगियों दर्ज हुआ उत्तराखंड में पांचवा मामला। एसटीएफ देहरादून ने यशपाल तोमर व उसके सहयोगियों पर गैंगस्टर की कार्यवाही की पश्चात एक और बड़ी कार्यवाही की गयी है।
वर्ष 2002 के 307/420 के कोतवाली हरिद्वार के एक मामले में गुरुग्राम से चोरी की गाड़ी के फर्जी दस्तावेज किसी अन्य व्यक्ति के नाम से बनाकर, तथा बागपत के एक व्यक्ति मुकेश की आई.डी. लगाकर न्यायलय में गैंग के दूसरे सदस्य को दिखा कर गाड़ी कराई थी रिलीज और मुकदमे में बरी हो गया था स्पेशल टास्क फोर्स उत्तराखंड की गोपनीय जांच में हुआ खुलासा,एक और मुकदमा हुआ दर्ज,कोतवाली हरिद्वार में धारा 420/467/468/471/34 आईपीसी में यशपाल तोमर व अन्य पर
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि यशपाल तोमर और उसके सहयोगियों के कारनामों की फेहरिस्त बहुत लम्बी है उसके द्वारा अब तक किये गये हर मामले की जांच एसटीएफ गहनता से कर रही है, घटना की जानकारी देते हुये वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि जब यशपाल तोमर जुर्म जरायम की दुनिया में अपना क ख सीख ही रहा था कि तो यशपाल तोमर वर्ष 2002 में अपने तीन-चार साथियों के साथ पुलिस मुठभेड़ में हरिद्वार कोतवाली से जेल में चला गया था तथा इनके कब्जे से पुलिस ने कुछ हथियार तथा मारूति गाड़ी पकड़ी थी,उस समय उस मारूति कार पर नम्बर HR12D 3289 लिखा था गाड़ी को हरिद्वार पुलिस द्वारा कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू की गयी थी।
जेल से जमानत पर आने के बाद यशपाल तोमर के शातिर दिमाग ने एक चाल चली कि हरिद्वार नगर कोतवाली पुलिस द्वारा उससे बरामद कार को फर्जी व्यक्ति और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर न्यायालय हरिद्वार से आदेश प्राप्त कर नगर पुलिस से छुड़ा दिया गया और किसी को कानो कान खबर नहीं हुयी।
यशपाल तोमर के पकड़े जाने के बाद एसटीएफ देहरादून उसके हर पुराने मामलों की गहनता से जांच कर रही थी तो जांच में आया कि वर्ष 2002 में कोतवाली नगर मे बन्द मारूति कार जिस पर HR12D 3289 नम्बर अंकित किया था दरअसल रोहतक हरियााणा में एक टीवीएस मोपेड दुपहिया वाहन को आंवटित किया गया था और इस फर्जी नम्बर से यशपाल तोमर उक्त मारूति कार को उस दौरान चला रहा था। अब इस बरामदा मारूति कार के इंजन नम्बर और चेसिस नम्बर से कार के सम्बन्ध में जांच की गयी तो यह कार वर्ष 2001 में सिटी कोतवाली गुड़गॉव से चोरी हुयी थी जिस पर दिनांक 02.09.2001 को सिटी कोतवाली गुडगांव में सन्दीप रैना की तहरीर के आधार पर मु0अ0सं0 563/01 धारा 379 भादवि बनाम अज्ञात मुकदमा दर्ज था और जांच में इस मारूति कार का असली नम्बर HR26L 9645 पाया गया जो कि सोरीलाल पुत्र श्री गोपाल दास निवासी कृष्णा कॉलोनी म0नं0 600/4 काचे बेरी रोड़ रोहतक के नाम पंजीकृत हुआ था।
यशपाल तोमर ने इस चोरी के वाहन को छुड़ाने के लिये हरिद्वार माननीय न्यायालय में एक फर्जी व्यक्ति मुकेश पुत्र महावीर सिंह निवासी म0ंन0 66/4 रेलवे रोड़ रोहतक खड़ा किया जिसने माननीय न्यायालय को बताया कि वह इस कार का वास्तविक स्वामी है और उससे यशपाल तोमर यह वाहन चलाने के लिये ले गया था, इसके लिये मुकेश के द्वारा माननीय न्यायालय हरिद्वार में अपना परिचय पत्र और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन प्रस्तुत किया गया। जिसके आधार पर मा0 न्यायालय जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार वर्ष 2004 में उक्त मारूति कार HR12D 3289 को मुकेश कुमार पुत्र महावीर सिंह निवासी म0सं0 66/4 रेलवे रोड़ रोहतक हरियाणा के नाम रिलीज कर दिया गया, इस आदेश पर उक्त वाहन मारूति कार को जिस पर HR12D 3289 नम्बर अंकित था, को थाना कोतवाली नगर हरिद्वार द्वारा गवाह सुरेश पुत्र वेद सिंह निवासी ग्राम बरवाला जिला बागपत उ0प्र0 के समक्ष वाहन को मुकेश कुमार पुत्र महावीर के सुपुर्द कर दिया गया।
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जांच में मुकेश कुमार नाम के व्यक्ति की कोई पहचान नहीं हो पायी तथा यह पाया गया कि माननीय न्यायालय में मुकेश नाम से फर्जी शपथ पत्र,परिचय पत्र तथा वाहन का पंजीकरण पत्र दाखिल कराया गया। इन तथ्यों के आधार पर थाना कोतवाली नगर हरिद्वारा एसटीएफ के उपनिरीक्षक यादविन्दर वाजवा की ओर से यशपाल तोमर और उसके अज्ञात सहयोगियों के विरूद्ध एक मामला पुलिस और न्यायालय से धोखाधड़ी करने व कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत करने को लेकर पंजीकृत कराया गया है। इस मामले के पंजीकृत होने से यशपाल तोमर और उसके सहयोगियों की मुश्किलें और बड़ गयी है, माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में यशपाल तोमर और उसके सहयोगियों के विरूद्ध एसटीएफ देहरादून और बड़ी कार्यवाही करने की योजना बना रही है। अब एसटीएफ उन व्यक्तियों को चिन्हित कर रही है जिनके द्वारा इस पुरे मामले में सक्रिय भूमिका निभायी गयी है।