देहरादून – उत्तराखंड में जल जीवन मिशन को लेकर शासन ने अब डेडलाइन तय कर दी है। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की तरफ से साफ किया गया है कि सभी अधिकारी इस योजना को गंभीरता से लें और इसका काम आगे बढ़ाएं। प्रदेश में जल जीवन मिशन के तहत संचालित सभी प्रोजेक्ट्स को जून 2024 तक पूरा करने की डेडलाइन अधिकारियों को दी गई है।
मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी 13 जिलों में शत प्रतिशत एफएचटीसी (फंक्शनल हाउसहोल्ड टैप कनेक्शन) कवरेज पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने विशेष रूप से स्कूलों में पेयजल और शौचालयों में जलापूर्ति के लक्ष्य को सौ प्रतिशत पूरा करने का कहा है।
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मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने देहरादून और टिहरी जनपदों में 500 गांवों को स्वच्छ सुजल ग्राम बनाने के पायलट प्रोजेक्ट पर तत्परता एवं गंभीरता से कार्य करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य राज्य में इस प्रोजेक्ट के तहत सहभागी स्प्रिंग शेड प्रबंधन (जल स्रोत संरक्षण व पुनर्जीवीकरण) और जल आपूर्ति योजनाओं की दीर्घकालीन लक्ष्य के तहत देहरादून व टिहरी जनपदों के 500 गांवों को मॉडल वॉश विलेज बनाया जाए, जो उत्तराखंड की पहचान बनें।
सीएस ने जल जीवन मिशन के प्रोजेक्ट्स की थर्ड पार्टी मॉनिटरिंग को भी टाइमबॉन्ड करवाने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने जल जीवन मिशन (एसडब्ल्यूएसएम तथा डीडब्ल्यूएसएम) के कर्मचारियों के मूल्यांकन के आधार पर वेतन वृद्धि के भी निर्देश दिए हैं। बैठक में बताया गया कि बीते कुछ सालों से उत्तराखंड में सरकारें इस मिशन में बेहद अधिक ध्यान दे रही हैं। उत्तराखंड में सूखते जल स्रोत को पुनर्जीवित करने के लिए भी कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं।