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नैनीताल उच्च न्यायालय के ऐतिहासिक निर्णय ने उत्तराखंड राज्य में पुलिस व्यवस्था को एक नई दिशा दिखाई है। यह निर्णय उत्तराखंड की जनता के सुरक्षा एवं क़ानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

नैनीताल उच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए निर्णय के माध्यम से सरकार को एक साल के भीतर प्रदेश के समूचे क्षेत्रों में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था को लागू करने का आदेश दिया गया है।नैनीताल उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से प्रस्तुत जानकारी के आधार पर निर्णय लिया है कि कई क्षेत्रों में राजस्व पुलिस के स्थान पर रेगुलर पुलिस की व्यवस्था कर दी गई है, लेकिन शेष क्षेत्रों में भी यह प्रक्रिया जारी है।

इसके साथ ही, वर्ष 2018 में भी न्यायालय ने सरकार को राजस्व पुलिस व्यवस्था को लेकर कई निर्देश दिए थे, लेकिन उन निर्देशों का सरकार द्वारा पूरी तरह से अनुपालन नहीं किया गया था।

नैनीताल उच्च न्यायालय के निर्णय में यह भी मान्यता दी गई है कि राजस्व पुलिस को सिविल पुलिस की तरह का प्रशिक्षण नहीं दिया जाता है, जिसके कारण उन्हें आधुनिक साधनों और विशेषज्ञता की कमी होती है। इससे अपराधों की जांच में परेशानियाँ उत्पन्न होती हैं और नागरिकों के लिए समान कानूनी सुरक्षा की गारंटी में खामियां आती हैं।

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इस निर्णय के माध्यम से नैनीताल उच्च न्यायालय ने उत्तराखंड सरकार को एक साल के भीतर समूचे प्रदेश में रेगुलर पुलिस की व्यवस्था को लागू करने का निर्देश दिया है। यह निर्णय उत्तराखंड की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो राज्य की जनता को आतंकवाद, अपराध और अन्य असुरक्षा के खिलाफ सशक्त करेगा।इस निर्णय के परिणामस्वरूप, उत्तराखंड सरकार को अपनी पुलिस व्यवस्था को सुधारने और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता है।

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