सौरव गांगुली जिन्हें दादा के नाम से भी जाना जाता है। क्रिकेट में अपने अनुभव के विषय में बताते हैं। वे बताते हैं की उन्होंने 13साल तक भारत के लिए लगातार क्रिकेट खेला है। इस दौरान उनके द्वारा कोई ब्रेक नहीं लिया गया है।गाँगुली की पूर्व भारतीय क्रिकेट कोच से हुए विवाद के कारण उनको टीम से बाहर किया गया था। इस बात पर गांगुली बताते हैं की टीम से बाहर होने के बाद उनके अंदर काफी आक्रोश था, लेकिन उनके अंदर यह आक्रोश खुद को साबित करने के लिए था।
गांगुली ने यह भी बताया की वो नहीं मानते थे की डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना मुश्किल है,लेकिन उस दौरान स्थितियाँ ही कुछ इस प्रकार बन गई थी क्योंकि गांगुली की बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी क्षमता से कुछ बाहर की चीज़ हो गई थी।गांगुली बताते हैं की 13साल लगातार क्रिकेट खेलने के बाद जब उन्हें टीम से बाहर किया गया था तो 4-6महीने का ही वो समय था जिसे वे ब्रेक के तौर पर मानते हैं।यही वो समय था जो गांगुली के 13साल के करियर में ब्रेक की तरह आया और 17साल के इंटरनेशनल करियर में आया था।
गांगुली ने इस बात का भी जिक्र किया है की उन्होंने अपने करियर में कभी नींद की गोली का इस्तेमाल नहीं किया। वे कहते हैं ये बात बिल्कुल सही नहीं है, मैं गुस्से में जरूर था लेकिन मुझे खुद को साबित करना था इसके लिए ही मैं दोगुना मेहनत किया करता था।वे कहते हैं की मुझे इस बात का पता था की अभी मेरे अंदर काफ़ी क्रिकेट बचा हुआ है मैंने इस बात को खुद को समझाया और उनको साबित करके दिखाने का निश्चय किया जिनका मेरे जीवन में काफी महत्व है।
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गांगुली की यह सब बातें ऐसे समय में सामने आई हैं जब पूर्व कप्तान विराट कोहली के आने वाली वेस्टइंडीज दौरे से ब्रेक लेने की बात सामने आ रही है। गांगुली कहते हैं की आजकल के खिलाड़ी कुछ साल क्रिकेट खेलने के बाद लेते हैं।