भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा इन शीर्ष पदों के लिए कई नेताओं के प्रदर्शन की समीक्षा कर रहे हैं। इन पदों को भरना महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, गोवा और मणिपुर में अगले साल होने वाले महत्वपूर्ण विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है। माना जा रहा है कि मोदी मंत्रिमंडल से बाहर हुए मंत्रियों को संगठन में अहम जिम्मेदारी सौँपी जाएगी।
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गौरतलब है कि रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावड़ेकर, हर्षवर्धन और अन्य जैसे नेताओं के केंद्रीय मंत्रिपरिषद से हटने के बाद उनमें से कुछ को इन रिक्त पदों के लिए भी विचार किया जा सकता है। गौरतलब है कि भूपेंद्र यादव को मंत्री के पद पर पदोन्नत किए जाने के बाद महासचिव का पद भरा जाना है। नेताओं के चयन से पहले उनके समुदाय, क्षेत्र और अन्य पहलुओं को ध्यान में रखकर ही उन्हें संगठनात्मक पदों पर नियुक्त किए जाने की संभावना है। हालांकि, पार्टी के सूत्रों ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि जिन लोगों को मंत्री पद से हटा दिया गया है, उन्हें संगठन में शामिल किया जाएगा। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि नड्डा जी के पास एक युवा टीम है। हमें यह समझने के लिए दिया गया है कि क्या बिहार से किसी व्यक्ति को इस पद पर लाया जा सकता है।
पार्टी के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय कार्यकारिणी एक संसदीय बोर्ड का गठन करेगी जिसमें पार्टी अध्यक्ष और 10 सदस्य होंगे, जिनमें से एक संसद में पार्टी का नेता होगा और पार्टी अध्यक्ष इसके अध्यक्ष होंगे। भाजपा प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा के अलावा, प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, शिवराज सिंह चौहान और बीएल संतोष सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं के नाम पार्टी की वेबसाइट पर संसदीय बोर्ड के सदस्यों के रूप में दर्ज है। पार्टी का संसदीय बोर्ड भाजपा का सर्वोच्च निर्णय लेने वाला निकाय है। यह चुनावी और पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देता है और टिकटों के वितरण में भी इसका अंतिम अधिकार होता है।
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