इस वक्त की बड़ी खबर जम्मू कश्मीर के उधमपुर से आ रही है जहां 8 घंटे के अंदर एक और बस में रहस्यमयी धमाका हुआ है। जी हाँ समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक बुधवार देर रात हुए इस बम धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। इससे पहले कल उधमपुर में सैन्य चौकी के पास पेट्रोल पंप पर खड़ी बस में शक्तिशाली धमाका हुआ था।धमाके में 2बसें क्षतिग्रस्त हो गई थी जबकि 2 लोगों के घायल होने की भी खबर सामने आई थी।
आपको बता दें कि पहली नजर में धमाके को आतंकी साजिश माना जा रहा है। सेना सीआरपीएफ और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर छानबीन शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार जानकारी है कि उधमपुर में पुराने हाईवे पर टीसीपी दोमेल क्षेत्र में बैगड़ा पेट्रोल पंप पर एक मिनी बस के साथ 6 बसें खड़ी थी। रोज की तरह बसंतगढ़ रुट की बस (जेके 14डी -6857) शाम 6:00 बजे खड़ी हुई थी और रात 10:30 बजे इसबस में जोरदार धमाका हुआ बस और पास ही खड़ी मिनी बस (जेके 14जी -5147) का एक हिस्सा चकनाचूर हो गया।
बता दे कि बस कंडक्टर सुनील सिंह और मिनी बस कंडक्टर विजय कुमार घायल हुए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है।धमाका इतना जोरदार हुआ था कि आसपास के आवासीय इलाकों में इमारतों में भी कंपनी महसूस की गई। अब पुलिस सेना और सीआरपीएफ के आला अफसरों द्वारा घटनास्थल पर पहुंच कर छानबीन शुरू कर दी गई है।
वहीं गृह मंत्री अमित शाह 3 से 5 अक्टूबर तक जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं इससे पहले उधमपुर में धमाका होने से खुफिया एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। अभी धमाके की वजह साफ नहीं हो पाई है। वहीं इससे कुछ घंटे पहले( एलओसी )से सटे पुंछ जिले में एक महिला को चार किलो आईईडी के साथ पकड़ा गया है। पूछताछ के लिए आरोपी महिला जैतून और मोहम्मद रियाज नामक शख्स को हिरासत में लिया गया है। बता दें कि पुंछ से सटे राजौरी जिले में गृहमंत्री की 4 अक्टूबर को रैली होनी है इसे लेकर दोनों जिलों में सुरक्षा आमले को लेकर हाई अलर्ट पर रखा गया है।
वहीं धमाके में घायल बस कंडक्टर सुनील सिंह की पीठ पर छर्रे लगे हैं। सुनील ने बताया कि कठुआ रूट की बस से दो नग बसंतगढ़ रूट की बस की छत पर रखे गए थे। उसने खुद त्रिपाल से सामान ढका और बस में सोने के लिए चला गया। इसके कुछ ही देर बाद जोरदार धमाका हो गया।
आतंकी सफाई से लंबे समय तक साथ रहे राजौरी और पुंछ जिले जम्मू संभाग में फिर से आतंकी गतिविधियां शुरू हो चुकी हैं। फरवरी 2021 में संघर्षविराम समझौते के बाद गोलाबारी को थम गई थी लेकिन ओवरग्राउंड नेटवर्क बेहद सक्रिय हो गया है। यही कारण है कि सेना अध्यक्ष व उत्तरी कमान प्रमुख राजोरी व पुंछ के दौरे पर कई बार आ चुके हैं। राजौरी- पुंछ में लगातार गतिविधियां बढ़ने पर सुरक्षा ग्रिड मजबूती के लिए कई बैठकें हो चुकी हैं।