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भारत में 18 वर्ष से कम आयु का कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थानों पर वाहन नहीं जला सकता। इसके अलावा अगर किसी व्यक्ति की उम्र 16 साल से ज्यादा होती है तो वह लर्निंग लाइसेंस बनाने के बाद ही 50 cc से ज्यादा इंजन वाली क्षमता मोटरसाइकिल को चला सकता है। इन नियमों को तोड़ने पर नाबालिग बच्चों की जगह उनके पिता को भरना पड़ सकता है भारी चालान की रकम, वही इसके कृत्य के लिए पिता को जेल भी जाना पड़ सकता है।

आपका बच्चा अगर 18 वर्ष से कम आयु का है ओर किसी लर्नर लाइसेंस के मोटर वाहन को चलाते हुए पकड़ा गया तो उस समय और उस स्थिति में आपको ही मोटर वाहन अधिनियम 1988 की धारा 199A के तहत दंड दिया जाएगा। अभिवावक को अधिकतम दंड के रूप में 3 साल की कैद और ₹25,000 जुर्माना देना पड़ सकता है।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एनआईसी के वर्चुअल कोर्ट भी तैयार किए जा रहे हैं। चालान मिलने के 15 दिन के अंदर इसमें वाहन मालिक चालक को जुर्माना जमा कराना होगा। ऐसा नहीं किया तो जिला एवं सत्र न्यायालय में चालान प्रस्तुत कर वसूली की कार्रवाई की जाएगी।

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कानून चाहे कितने भी सख्त क्यों ना हो जाए। माता पिता की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है कि वो अपने बच्चों की गतिविधियों पर नजर रखें। यदि नाबालिग अपने माता पिता को लूप में रखते हुए मोटर बाइक चला रहे हैं या उनके माता पिता को इसके बारे में पता है तो भी किसी भी दुर्भाग्यपूर्ण घटना के मामले में माता पिता को दंडित करने की आवश्यकता होती है।

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