FASTag को लेकर सरकार का बड़ा फैसला लिया है। सरकार FASTag को हटाकर अब नया हाईटेक सिस्टम लागू करने की पूरी तैयारी में है। सूत्रों के अनुसार इस नए सिस्टम पर काम भी शुरू हो चुका है। इसका पायलट प्रोजेक्ट विल लॉन्च किया जा चुका है। इसे मंजूरी मिलते ही FASTag की जगह navigation system से टोल वसूली का काम शुरू किया जाएगा। नए सिस्टम में किलोमीटर के हिसाब से टोल टैक्स लिया जाएगा।
बता दें कि मौजूदा समय में FASTag के जरिए टोल टैक्स कटाने का नियम है। अगर किसी हाईवे पर गाड़ी जा रही है, टोल प्लाजा मिलने पर FASTag account से पैसे काट दिए जाते हैं। इस सिस्टम में आपने कितना दूर सफर तय किया इससे कोई मतलब नहीं है। रास्ते में कितने भी टोल प्लाजा मिल जाए इसकी कोई गिनती नहीं है। Navigation system में किलोमीटर के हिसाब से टैक्स लिया जाएगा। यानी जिस रोड में टैक्स लगना है, उस रोड पर आपने कितने किलोमीटर सफर किया है, उस हिसाब से आपको पैसे देने होंगे। नई टोल टैक्स के पायलट प्रोजेक्ट की टेस्टिंग शुरू हो चुकी है। भारत में यह सिस्टम अभी आ रहा है लेकिन europian countries में यह काफी सफल सिस्टम है।
नए सिस्टम में कैसे होगी वसूली
New technology के मुताबिक जैसे ही किसी highway या expressway वे पर गाड़ी चलने शुरू होगी, उसके टोल का मीटर ऑन हो जाएगा। सफर खत्म करने के बाद गाड़ी जैसे ही हाईवे से स्लिप रोडिया किसी सामान्य सड़क पर उतरेगी, ते दूरी के हिसाब से Navigation system पैसा काट लेगा। यह नया सिस्टम FASTag की तरह ही होगा लेकिन पैसा उतना ही कटेगा जितना आपने उस रोड पर सफर किया होगा।
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पॉलिसी में होगा बदलाव
नए सिस्टम को लागू करने से पहले ट्रांसपोर्ट पॉलिसी में बदलाव करना होगा। एक्सपर्ट्स की टीम बदलाव करने के लिए जरूरी पॉइंट तैयार कर रहे हैं। जल्द ही इस बारे में कुछ ऐलान किया जा सकता है। इसके पायलट प्रोजेक्ट के तहत 1.37 लाख गाड़ियों में Navigation system लग चुका है। बता दे कि जर्मनी और रूस में सेटेलाइट में रिलेशन सिस्टम के इस्तेमाल से टोल कलेक्शन होता है। जर्मनी में 98.8 % वाहनों में इस सिस्टम को लगा दिया गया है।