राजस्थान की राजनीतिक गलियारों में सबसे ज्यादा चर्चा इस समय एक लाल डायरी की है। लाल डायरी को लेकर अलग-अलग कयास लगाए जा रहे हैं। यहां तक कि लाल डायरी को लेकर सीधा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमला किया जा रहा है।
राजस्थान की राजनीति में लाल डायरी की शुरुआत मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा की बर्खास्तगी के बाद हुई। जब उन्होंने दावा किया कि धर्मेन्द्र राठौड़ के यहां इनकम टैक्स और ईडी की रेड के समय मौके पर तैनात केन्द्रीय बल के जवानों के बीच से वह डायरी निकालकर लाए थे।
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उन्होंने कहा कि गहलोत ने डायरी के लिए बोल कर मुझसे डकैती कराई थी। मुख्यमंत्री ने उस दिन मुझसे कहा था कि गुढ़ा आज मेरा सबकुछ तुम्हारे हाथ में है। इसलिए 150 सीआएपीएफ जवानों के बीच में से निकल कर नौवीं मंजिल से वह डायरी निकाल कर लाया। मैंने वो डायरी नहीं निकाली होती तो आज गहलोत साहब जेल में होते। मुख्यमंत्री के पद पर नहीं होते। गुढ़ा ने बताया कि मुख्यमंत्री ने खुद ने कहा था कि आज राजेन्द्र गुढ़ा नहीं होता तो मैं मुख्यमंत्री नहीं होता।
लाल डायरी पर बवाल
राजस्थान विधानसभा में भी सोमवार को लाल डायरी पर माहौल गर्मा गया। सदन में गुढ़ा अचानक से वेल के बीचों-बीच उतर आये और स्पीकर के सामने एक लाल डायरी लहराने लग गए। इस पर स्पीकर ने कड़ी आपत्ति जताई और गुढ़ा को नहीं करने को कहा। लेकिन जब इस पर भी गुढ़ा नहीं माने तो स्पीकर ने मार्शल को उन्हें सदन से बाहर निकालने के आदेश दे डाला।